भारत में वापसी करने जा रही Ford, चेन्नई में शुरू करने जा रही प्लॉन्ट, 3,250 करोड़ का का निवेश
Ford 2021 में भारत से जाने के बाद फिर से वापसी कर रही है। कंपनी चेन्नई के मराइमलाई नगर में अपने पुराने प्लांट को फिर से शुरू करेगी, जिसमें 3,250 करोड़ रुपये का निवेश होगा। 2029 से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें हर साल 2,35,000 इंजन बनाने का लक्ष्य है। कंपनी का उद्देश्य भारत को इंजन एक्सपोर्ट का हब बनाना है।

Ford की भारत में वापसी, चेन्नई प्लांट फिर शुरू
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। 2021 में भारत से अपने ऑपरेशंस बंद करने के बाद अब Ford एक बार फिर वापसी की तैयारी में है। कंपनी ने फैसला लिया है कि वह चेन्नई के मराइमलाई नगर में स्थित अपने पुराने प्लांट को दोबारा चालू करेगी। इस फैसले के तहत Ford भारत में करीब 3,250 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। उत्पादन 2029 से शुरू होगा और शुरुआती लक्ष्य हर साल लगभग 2,35,000 इंजन बनाने का रखा गया है।
Ford का भारत में सफर और वापसी की योजना
- जब Ford भारत में सक्रिय थी, तब उसके दो बड़े मैन्युफैक्चरिंग प्लांट थे, एक तमिलनाडु के चेन्नई में और दूसरा गुजरात के साणंद में। 2021 में कंपनी ने वैश्विक स्तर पर ज्यादा लाभदायक बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत से बाहर निकलने का फैसला किया था। इसके बाद साणंद प्लांट को टाटा मोटर्स ने खरीद लिया, जबकि चेन्नई प्लांट Ford ने अपने पास रखा। हालांकि 2022 के बाद से यह प्लांट बंद पड़ा था।
- 2024 में कंपनी ने चेन्नई प्लांट को फिर से चालू करने की योजना तमिलनाडु सरकार को सौंपी थी। उस समय उद्देश्य मुख्य रूप से एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना था। लेकिन जब अमेरिका ने 25–50% तक का भारी आयात शुल्क लगाया, तो Ford को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ा।
क्यों चुना चेन्नई प्लांट?
- भले ही अमेरिकी टैरिफ अभी भी लागू हैं, Ford का चेन्नई प्लांट दोबारा शुरू करने का फैसला कई लोगों को चौंका सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी अमेरिका के बजाय यूरोप जैसे अन्य बाजारों को टारगेट कर सकती है, जहां टैक्स की दरें इतनी ऊंची नहीं हैं।
- Ford यहां अपने नेक्स्ट-जेन इंजन बनाएगी, जिन्हें ग्लोबल बाजारों में सप्लाई किया जाएगा। इस प्लांट में बड़े पैमाने पर अपग्रेड किया जाएगा, जिसकी शुरुआत इसी साल से होगी। ऑपरेशंस शुरू होने के बाद यह फैसिलिटी करीब 600 नई नौकरियों के अवसर भी पैदा करेगी।
भारत को लेकर Ford का प्लान
- चेन्नई प्लांट, Ford की नई ‘Ford+’ रणनीति का अहम हिस्सा बनने जा रहा है। यह रणनीति कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी, कैश फ्लो और कस्टमर सैटिस्फैक्शन को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। भारत की कम उत्पादन लागत और मजबूत ऑटो कंपोनेंट सप्लाई चेन Ford के लिए बड़ी ताकत साबित हो सकती है।
- चेन्नई पोर्ट की नजदीकी से लॉजिस्टिक्स भी आसान होंगे। साथ ही, मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने से Ford को नए प्लांट में भारी निवेश नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल कंपनी का फोकस इंजन एक्सपोर्ट पर रहेगा, लेकिन अगर भविष्य में अमेरिका या यूरोप के साथ टैरिफ कम होते हैं, तो Ford भारत में फिर से कारों का उत्पादन शुरू कर सकती है।

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