नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। अमेरिका में फोर्ड अपनी 15 लाख गाड़ियों को रिकॉल करने का फैसला किया। कंपनी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि, फोर्ड की गाड़ी के ब्रेक और विंडशिल्ड वाइपर में थोड़ी समस्या पाई गई थी। कंपनी मुफ्त में सभी 15 लाख कारों को ठीक करने के लिए वाहन मालिकों को नोटिफेकेशन भेजी है।
17 अप्रैल से इन मॉडल्स को किया जाएगा ठीक
दो सबसे बड़ी रिकॉल में 2013 से लेकर 2018 तक की फोर्ड फ्यूजन और लिंकन एमकेएक्स मिडसाइज कारों की कुल 13 लाख गाड़ियां शामिल हैं। कंपनी ने सुरक्षा नियामकों द्वारा शुक्रवार को पोस्ट किए गए दस्तावेजों में कहा है कि फ्रंट ब्रेक होसेस टूट सकते हैं और ब्रेक लिक्विड का रिसाव हो सकता है। इससे ब्रेक लगने में दिक्कत हो सकती है। डीलर होसेस को बदल देंगे। फोर्ड 17 अप्रैल से मालिकों को सूचना लेटर भेजेगा। फिक्स के लिए पुर्जे उपलब्ध होने के बाद उन्हें दूसरा लेटर मिलेगा।
27 मार्च से दूर होगी फोर्ड की इन वाहन मालिकों की समस्या
दूसरे रिकॉल में फोर्ड 2 लाख 22 हजार गाड़ियों को रिकॉल करेगी, ये रिकॉल 2021 F-150 पिकअप का है, जिसमें वाइपर आर्म में खराबी की बात सामने आई है, जो आसानी से टूट सकती है। जरूरत पड़ने पर डीलर इस पिक-अप गाड़ी के वाइपर चेंज करने के लिए बाध्य हैं। 27 मार्च से इसको लेकर वाहन मालिकों को लेटर भेजे जाएंगे।
रिकॉल किसे कहते हैं?
वाहनों को वापस बुलाने की प्रक्रिया या रिकॉल से जुड़े नियमों को जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर यह होती क्या है। सामान्य शब्दों में कहें तो जब कोई कंपनी अपने वाहनों में किसी तरह की खराबी पाती है तो बिना किसी सरकारी निर्देश के खुद से उन्हे वापस बुलाने की घोषणा करती है। इसे ही रिकॉल कहा गया है। कंपनी आमतौर पर कार को नुकसान से बचाने और यात्रियों या अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच किसी तरह के एक्सीडेंट के जोखिम को कम करने के लिए ऐसा करती है।