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    वाहन चोरी हो जाने पर सबसे पहले करें ये काम, आसानी से मिलेगा बीमा क्लेम!

    By Rishabh ParmarEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jan 2021 01:23 PM (IST)

    बाइक या कार चोरी होने पर घबराना हल नहीं है। बल्कि ऐसे वक्त में आपको समझदारी और धैर्य से काम लेना चाहिए। क्योंकि कुछ आसान सतर्कता बरतेंगे तो इंश्योरेंस ...और पढ़ें

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    वाहन चोरी हो जाने पर सबसे पहले करें ये काम

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। अपनी कार या बाइक का इंश्योरेंस कराना निश्चित रूर से अनिवार्य होता है। क्योंकि बीमा क्लेम सिर्फ आपको गाड़ी के एक्सीडेंट होने पर ही नहीं मिलता, बल्कि इसका लाभ आपको तब भी मिलता है, जब आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है। लेकिन वाहन चोरी का क्लेम लेने के लिए लोग काफी परेशान रहते हैं। दरअसल, इसके पीछे सही दस्तावेज न होना होता है। इसके अलावा पूरे प्रॉसेस की जानकारी के अभाव के चलते भी ऐसी स्थिति देखने को मिलती है। आज हम आपको बता रहे हैं कुछ साधारण चीज़ें जिनके चलते आपको अपने वाहन पर आसानी से क्लेम मिल जाएगा।

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    सबसे पहले दर्ज कराएं FIR: आपकी कार या मोटरसाइकिल चोरी हो जाने के बाद सबसे पहला काम जो आपको करना चाहिए वो पुलिस में FIR दर्ज करवाना है। वाहन चोरी होने पर बिना कोई वक्त गंवाए सबसे पहले आपको नजदीकी पुलिस थाने जाना चाहिए और घटना की पूरी जानकारी देकर एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। आगे की पूरी प्रक्रिया के लिए यह एफआईआर सबसे अहम दस्तावेज होती है।

    क्लेम फार्म भरना चाहिए: सबसे अहम काम पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के बाद आपको तुरंत इंश्योरेंस कंपनी की ग्राहक सेवा पर कॉल करनी चाहिए और क्लेम फॉर्म भरना चाहिए। फार्म में आपको पॉलिसी नंबर, गाड़ी की डिटेल्स भरनी होती है। इसके अलावा वाहन चोरी की घटना के दिन और समय का भी पूरा विवरण देना होगा। इसके साथ ही बीमा कंपनी आपसे आपके वाहन की दो चाबियां मांगती हैं लेकिन अगर आपके पास एक ही ओरिजिनल चाबी हुई तब भी वो आपको क्लेम देने से मना कर सकते हैं।

    ऐसे होता है सेटलमेंट: सही तरह भरा हुआ क्लेम फॉर्म, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, पॉलिसी डॉक्युमेंट, एफआईआर की एक कॉपी और आपके शहर के आरटीओ को चोरी की जानकारी देने वाला लेटर बीमा कंपनी को देना होता है। जिसके बाद पुलिस जब अपनी जांच पूरी करके नॉन ट्रेसेबल रिपोर्ट जमा करेगी तो आपको अपनी वाहन की आरसी और गाड़ी की चाबी भी बीमा कंपनी को देनी होगी। इसके बाद सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर इंश्योरेंस की राशि आपके खाते में आ जाएगी।