Exclusive Interview: तेजी से पॉपुलर हो रहा मोटर स्पोर्ट्स, Formula 3 रेसिंग के लिए कितना तैयार है भारत?
अखिलेश रेड्डी का मानना है कि मोटरस्पोर्ट्स में स्थायी सर्किट महत्वपूर्ण हैं। FIA नियमों के अनुसार तीन लेआउट जरूरी हैं। चेन्नई स्ट्रीट सर्किट से पहले स्थायी ट्रैक्स पर काम होगा। वे भारत में मोटरस्पोर्ट्स को लेकर उत्साहित हैं और युवा पीढ़ी को मंच देना चाहते हैं। उनका लक्ष्य ओलंपिक स्तर की प्रतियोगिता नहीं है बल्कि जागरूकता बढ़ाना है। भविष्य में फॉर्मूला 3 जैसी प्रतियोगिताएं हो सकती हैं।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत में मोटरस्पोर्ट्स की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ रही है और इस दिशा में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं रेसिंग प्रमोशन प्राइवेट लिमिटेड (RPPL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अखिलेश रेड्डी। हाल ही में हमने उनसे भारतीय मोटरस्पोर्ट्स के भविष्य और अपनी योजनाओं पर विस्तार से बातचीत की। आइए जानते हैं कि उन्होंने भारतीय मोटरस्पोर्ट्स के भविष्य को लेकर क्या कुछ कहां?
स्थायी सर्किट और स्ट्रीट रेसिंग की तैयारी
अखिलेश रेड्डी का मानना है कि किसी भी बड़े मोटरस्पोर्ट इवेंट से पहले स्थायी सर्किट बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि FIA नियमों के अनुसार तीन अलग-अलग लेआउट होने चाहिए, इसलिए पहले परमानेंट सर्किट पर काम करना सही रणनीति होगी। इसके बाद ही स्ट्रीट सर्किट्स जैसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा। चेन्नई का स्ट्रीट सर्किट फिलहाल चर्चा में है, लेकिन उससे पहले स्थायी ट्रैक्स पर काम प्राथमिकता होगी।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव और चुनौतियां
अखिलेश रेड्डी ने बताया कि यूरोप और अमेरिका के ड्राइवर्स अक्सर अपने देशों से बाहर कम आते हैं, लेकिन भारत में मोटरस्पोर्ट्स को लेकर उत्साह बढ़ रहा है। उन्होंने इसे एक चुनौती और अवसर दोनों बताया। उनका कहना है कि यहां की युवा पीढ़ी को प्लेटफॉर्म देने की जरूरत है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा सकें।
ओलंपिक और नई कैटेगरीज
अखिलेश रेड्डी ने साफ किया कि अभी ओलंपिक स्तर की प्रतियोगिता लाने का लक्ष्य नहीं है, पहले लोगों में जागरूकता बढ़ाना और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आने वाले 2-3 सालों में भारत में 2-3 सर्किट और विकसित हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि निकट भविष्य में फॉर्मूला 3 जैसी प्रतियोगिताएं भी राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हो सकती हैं।
महिलाओं की भागीदारी
अखिलेश रेड्डी ने गर्व से बताया कि पहले भारत में महिला ड्राइवर्स बहुत कम थीं, लेकिन पिछले 2 सालों में 3-4 महिला ड्राइवर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है। यह दर्शाता है कि मोटरस्पोर्ट्स में अब महिलाओं की भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है।
व्यक्तिगत प्रेरणा
जब उनसे उनकी प्रेरणा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मोटरस्पोर्ट्स के प्रति उनका जुनून बचपन से है। भले ही वे खुद पेशेवर ड्राइवर नहीं बन पाए, लेकिन अब वे अपनी कोशिशों से नए युवाओं के लिए अवसर और बेहतर प्लेटफॉर्म बनाना चाहते हैं।
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