अब तेज आवाज में नहीं बजा सकेंगे हॉर्न, सरकार करने जा रही है यह काम
सरकार वाहनों पर लगने वाले हॉर्न के शोर को 100 डेसीबल (dB) के अंदर लाने की तैयारी में है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। सड़कों पर बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार वाहनों पर लगने वाले हॉर्न के शोर को 100 डेसीबल (dB) के अंदर लाने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी हॉर्न की रेंज 93-112 dB के बीच है। सरकार अब इसे 10 फीसद कम करेगी, जिसके बाद यह 88-100 dB के अंदर आ जाएगा। फिलहाल मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे इस संबंध में व्हीकल और कंपोनेंट मैन्युफैक्चर के साथ बातचीत कर फैसले को अंतिम रूप देने में जुटी है।
देश में लगातार बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है। बढ़ते ध्वनि प्रदूषण की बहरापन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। वाहनों पर लगे तेज शोर वाले हॉर्न और बेवजह हॉर्न बजाना भारतीय सड़कों पर आम है।
अगर सरकार और वाहन कंपनियां इस संबंध में कोई फैसला लेती है तब भी प्रेशर हॉर्न और मल्टी-टोन होर्न्स एक बड़ी चुनौती बने रहेंगे। इन हॉर्न का स्तर सरकार द्वारा तय 112 dB से कहीं ज्यादा होता है। हालांकि, प्रेशर होर्न को लेकर कानून है, लेकिन उनका अच्छे से पालन नहीं होता है। कई लोग अपनी गाड़ी या बाइक खरीदने के बाद उस पर प्रेशर और मल्टी टोन हॉर्न लगवाते हैं, जो सड़कों पर होने वाले ध्वनि प्रदूषण की बड़ी वजह बनते हैं।
फिलहाल भारत उन देशों में शामिल हैं जहां वाहनों पर इतने ज्यादा शोर वाले हॉर्न हैं। अमेरिका और यूरोप के कई देशों में हॉर्न के शोर के लिए तय सीमा काफी कम है और गैरजरूरी हॉर्न बजाने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं।