बजट 2025 में ऑटो सेक्टर को बड़ी सौगात, अब सस्ती होंगी EV कारें
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2025 का यूनियन बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लिथियम ऑयन बैटरी पर लगने वाले टैक्स को कम किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक कार की कीमतों को भी कम किया जाएगा। इसकी वजह से अब EV Cars खरीदने किफायती हो जाएगा। इससे ईवी खरीदने में आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने बजट की घोषणा करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों को कम करने की बात की। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक कारे अब पहले के मुकाबले कम कीमत में खरीदी जा सकेंगी। इसके साथ ही यह भी कहा कि लिथियम ऑयन बैटरी पर लगने वाले टैक्स को कम किया जाएगा।
ईवी सेक्टर को बढ़ाने के लिए सरकार कदम उठा रही है, जिसकी झलक वित्त वर्ष 2025-2026 के यूनियन बजट में देखने के लिए मिली है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का फोकस ईवी सेक्टर पर रहने वाला है।
सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने का प्लान करने वालों के लिए बड़ी राहत मिली है। ऑटो सेक्टर की जो सुस्ती साल 2024 में देखने के लिए मिली है उसमें अब रफ्तार देखने के लिए मिलेगी। इस बार के बजट में सरकार ने ऑटो कंपनियों के साथ-साथ आम जनता की जेब का भी ध्यान रखा है। इलेक्ट्रिक गाड़ियां सस्ती होने का फायदा उन लोगों को मिलेगा, जो नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का प्लान बना रहे हैं। वहीं, कंपनियां की ईवी सेल्स भी बढ़ सकती है।
बेसिक कस्टम ड्यूटी हटाने का एलान
- बजट 2025 में भारत सरकार की तरफ से एलान किया गया है कि वह कई जरूरी मैटेरियल कोबाल्ट, लिथियम आयन बैटरी स्क्रैप, लेड, जिंक और 12 दूसरे मिनरल्स पर लगने वाले बेसिक कस्टम ड्यूटी को हटाने का एलान किया है। इन सभी चीजों का इस्तेमाल बैटरी, सेमीकंडक्टर और रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट को बनाने में किया जाता है। इनपर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) के हटने के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के साथ ही क्लीन एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
- वहीं, इलेक्ट्रिक कारों को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले 35 एडिशनल चीजों पर से कस्टम ड्यूटी को हटाने का एलान किया है। इसकी वजह से मोबाइल फोन बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल की जाने वाले 28 चीजों पर से ड्यूटी फ्री हो जाएगी और गाड़ियों की कीमत कम हो जाएगी।
नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन होगा मजबूत
सरकार की तरफ से चलाए जाने वाले मेक इन इंडिया योजना और भी मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय मैन्युफैक्चरिंग मिशन को मजबूत करने के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा। इसके साथ ही स्टार्टअप के लिए दिए जाने वाले लोन की सीमा को भी 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह सहायता स्टार्टअप्स को 27 विभिन्न क्षेत्रों में दी जाएगी। इसका असर भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर देखने के लिए मिलेगा।
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