नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। बजट 2023 में निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने घोषणा की थी कि इंपोर्टेड कारों यानी कि बाहर से बनकर भारत में बेची जाने वाली गाड़ियों पर सीमा शुल्क (Customs Duty) बढ़ा दिया जाएगा। ऐसे में Mercedes-Benz, BMW और Lexus जैसी गाड़ियां और महंगी हो जाएंगी। साथ ही वैसी गाड़ियां जिनको CBU रूट से भारत में बेचा जाता है, उनके लिए अब ज्यादा पैसे ग्राहकों को चुकाने होंगे। इसमें Audi और Volvo जैसी गाड़ियां शामिल हैं।
बजट में हुई ये घोषणा
बजट में की गई घोषणा के मुताबिक, 40,000 डॉलर से कम कीमत वाली इंपोर्टेड गाड़ियों पर सीमा शुल्क 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। इससे इस तरह की गाड़ियों की कीमतों पर 2 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
दूसरी तरफ, पूरी तरह से निर्मित यूनिट्स (CBU) जिसकी कीमत 40,000 डॉलर से कम है या वैसी पेट्रोल गाड़ियां जिसका इंजन पावर 3,000cc से कम है सीमा शुल्क को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, डीजल गाड़ियां जिसका इंजन पावर 2,500cc से कम है, सीमा शुल्क 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ सकते दाम
वैसे इलेक्ट्रिक वाहन (EV) जो सेमी-नॉक्ड डाउन (SKD) के तहत भारत में लाए जा रहे हैं, उनका सीमा शुल्क पहले 30 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 35 प्रतिशत हो जाएगा। इससे वैसी गाड़ियां जिनका बैटरी पैक बाहर से असेंबल होकर आता है और बाकी चीजें भारत में असेंबल की जाती है, उनकी कीमतों में इजाफा देखने को मिलेगा।
ग्राहकों पर असर
भारत जिस रफ्तार से ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में बढ़ रहा है, इससे आने वाले समय में यह बाकी देशों को पीछे कर टॉप पर आ सकत है। फिलहाल इसकी पोजीशन तीसरे स्थान पर है। ऐसे में देश की स्थानीय कंपनियों के साथ-साथ विदेशी कंपनियों की गाड़ियां भी ग्राहकों द्वारा खूब पसंद की जा रही है। लग्जरी कारों की सीमा शुल्क बढ़ने से इन गाड़ियों की कीमतों पर असर दिखेगा और अंत में इसका बोझ ग्राहकों पर पड़ेगा।
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