फरवरी में गुलजार रहा ऑटोमोबाइल कंपनियों का कारोबार, ताबड़तोड़ बिकीं गाड़ियां
फाडा की एक रिपोर्ट्स में कहा गया है कि फरवरी का महीना ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बेहद खास रहा। इस महीने गाड़ियों की सेल में जबरदस्त ग्रोथ देखी गई है। मजबूत मांग के कारण खुदरा बिक्री में दो अंकों की वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में गाड़ियों की खुदरा बिक्री फरवरी में तेज वृद्धि देखी गई है। ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा (एफएडीए) ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि यात्री और दोपहिया वाहनों सहित सभी क्षेत्रों में मजबूत बिक्री हो रही है।
यात्री वाहनों की बिक्री पिछले महीने 11 प्रतिशत बढ़कर 2,87,182 यूनिट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 2,58,736 यूनिट थी। फरवरी 2022 में कुल पंजीकरण 16 प्रतिशत बढ़कर 17,75,424 इकाई हो गया। FADA ने कहा कि उसने देश भर के 1,434 आरटीओ में से 1,348 के खुदरा वाहन डाटा की तुलना की है।
मजबूत मांग के चलते उछला ऑटोमोबाइल का बाजार
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने एक बयान में कहा कि नए मॉडलों की लॉन्चिंग, आपूर्ति में लगातार सुधार, बुकिंग-टू-कैंसिलेशन अनुपात और शादी-ब्याह के सीजन ने बिक्री में होने वाली उछाल को बरकरार रखा है।
दोपहिया वाहनों का पंजीकरण फरवरी 2022 में 11,04,309 यूनिट से पिछले महीने 15 प्रतिशत बढ़कर 12,67,233 यूनिट हो गया। सिंघानिया ने कहा कि दोपहिया श्रेणी में साल-दर-साल आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, लेकिन फरवरी'20 के प्री-कोविड महीने की तुलना में ये 14 प्रतिशत कम थी। शादी के सीजन के साथ-साथ अप्रैल से लागू होने वाले ओबीडी मानदंडों में बदलाव से बिक्री में तेजी आई है।
किस सेगमेंट में क्या रहा आंकड़ा
फरवरी में कुल वाणिज्यिक वाहन खुदरा बिक्री 17 प्रतिशत बढ़कर 79,027 इकाई हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 67,391 इकाई थी। हालांकि, फरवरी 2020 के प्री-कोविड महीने की तुलना में यह 10 प्रतिशत कम रही। फरवरी 2022 में 40,224 इकाइयों की तुलना में तिपहिया खुदरा बिक्री में 72,994 इकाइयों के पंजीकरण में 81 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई। इसी तरह फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री सालाना आधार पर 14 फीसदी बढ़कर 68,988 इकाई रही।
सुधर रही है शहरी मांग
शहरों में गाड़ियों की मांग में तेज सुधार हो रहा है। यह मुद्रास्फीति के दबाव के बीच घरेलू खर्च की मांग में नरमी का संकेत देता है। प्रशांत क्षेत्र में अल नीनो की वापसी से भारत में इस साल मानसून कमजोर हो सकता है। इसके चलते व्हीकल प्रोडक्शन में कमी देखने को मिल सकती है। कीमतों के बढ़ने से ऑटो बिक्री प्रभावित हो सकती है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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