मैनुअल या ऑटोमैटिक, जानें कौन से ट्रांसमिशन वाली कार आपके लिए रहेगी परफेक्ट
मैनुअल ट्रांसमिशन में आपको क्लच ब्रेक और एक्सेलरेटर दिया जाता है जिनसे आप अपनी जरूरत के हिसाब से स्पीड कंट्रोल कर सके।
नई दिल्ली, ऑटोडेस्क: आपने कई हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा की एक्टर फास्ट कार चला रहा होता है और उस कार के गियर एक लाइन में होते हैं जिन्हें आसानी से बदला जा सकता है। दरअसल फिल्मों में दिखाई दे रहा है यह गियर ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन है। दरअसल भारत समेत दुनिया भर में मौजूद तमाम कारों में दो तरह का ट्रांसमिशन मिलता है जिनमें पहला है मैनुअल और दूसरा है ऑटोमेटिक। इन दोनों ही ट्रांसमिशन में काफी फर्क होता है और यह ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से अलग तरह से काम करते हैं। इन दोनों में ही कुछ अच्छी बातें हैं और कुछ कमियां भी हैं। ऐसे में अगर आप कोई कार खरीदने जा रहे हैं और मैनुअल ट्रांसमिशन व ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के बीच कंफ्यूज हो रहे हैं तो हम आज आपको इन दोनों ट्रांसमिशन के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप आसानी से समझ सके कि कौन सा ट्रांसमिशन किस तरह से काम करता है।
टेक्निकल टर्म्स में ना पड़ते हुए हम सबसे पहले आपको बता देना चाहते हैं कि ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में क्लच नहीं दिया जाता है। जी हां, ये कारें सिर्फ एक्सेलरेटर और ब्रेक के साथ ऑफर की जाती है।
वहीं बात करें अगर मैनुअल ट्रांसमिशन की तो इसमें आपको क्लच, ब्रेक और एक्सेलरेटर दिया जाता है जिनसे आप अपनी जरूरत के हिसाब से स्पीड कंट्रोल कर सके।
ऑटोमेटिक कारों में बहुत ही सिम्लीफाइड गियर बॉक्स होता है जिसमें आपको चार मोड मिलते हैं जिनमें पार्क मोड, रिवर्स मोड, न्यूट्रल मोड और ड्राइव मोड शामिल है जिनकी मदद से आप इस कार को चला सकते हैं। आपको बस मोड सेलेक्ट करके गाड़ी को एक्सेलरेटर करना है।
वही बात करें मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार की तो इसमें 6 गियर होते हैं जिनमें रिवर्स गियर भी शामिल होता है। आपको यह गियर बार-बार बदलना पड़ता है जिससे आप अपनी स्पीड को मेंटेन कर सकें।
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन पर आपको बस अपनी कार ड्राइव मोड पर लगानी होती है और फिर इसे एक्सेलरेटर करना होता है इसके बाद कार खुद ही सेलेक्ट कर लेती है कि उसे किस स्पीड में चलना है। मैनुअल ट्रांसमिशन में आपको सारे गियर खुद ही लगाने होते हैं।
कौन से ट्रांसमिशन वाली कार है बेहतर
बहुत सारे लोगों का यह सवाल होता है कि आखिर मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार बेहतर होती हैं या फिर ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली, तो ऐसे में हम आपको बता दें कि ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में आपका ज्यादातर कंट्रोल कार पर नहीं रहता है क्योंकि कार ही ज्यादातर इस बात का फैसला करती है कि उसे किस स्पीड में चलना है जबकि मैनुअल ट्रांसमिशन में कार पर आपका पूरा कंट्रोल रहता है और आप चुन सकते हैं कि आपको कार किस स्पीड में चलानी है और कैसे चलानी है।
हालांकि जब भी आप किसी ऑटोमैटिक कार को चलाएंगे तो आपको यह एहसास होगा कि ऑटोमेटिक कार चलाना काफी आसान होता है जबकि मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारें चलाने में थोड़ी सी मुश्किल होती है। आपको ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार में गियर बदलने की झंझट नहीं रहती है बस मोड सेलेक्ट करना होता है।
वही मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार में आपको गियर तो बदलना ही होता है साथ में एक्सीलरेटर, क्लच और ब्रेक पर भी ध्यान देना होता है जो कई बार काफी मुश्किल होता है।
ये है नतीजा: तो दोनों ही ट्रांसमिशन वाली कारों के बारे में हमने आपको बताया और इससे यह पता चलता है कि ऑटोमैटिक कारें सिर्फ उन्हीं लोगों को इस्तेमाल करनी चाहिए जो सिर्फ अर्बन ड्राइविंग करते हैं और शहरी सड़कों पर ही अपनी कार को चलाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि शहरी सड़कों पर बार-बार क्लच और गियर का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
वहीं अगर आप लंबे और तेज रफ्तार वाले हाईवे पर ड्राइविंग करते हैं या फिर उबड़-खाबड़ सड़कों पर अपनी कार को चलाते हैं तब आपके लिए मैनुअल ट्रांसमिशन ही परफेक्ट रहेगा क्योंकि आप इसमें अपनी जरूरत के हिसाब से स्पीड सेलेक्ट कर सकते हैं।
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