फोर्ड इंडिया के चेन्नई प्लांट में काम पर लौटे करीब 1,100 कर्मचारी, सेवा समाप्ति पैकेज पर नहीं निकला समाधान
प्रदर्शनरत कर्मचारी एक अन्य कार निर्माता कंपनी के सेवा समाप्ति पैकेज के अनुसार पैकेज की मांग कर रहे हैं। उक्त कार निर्माता कंपनी ने हर साल की सर्विस के लिए कर्मचारियों को 135 दिन का वेतन दिया है और साथ ही उनके आयकर का खर्च भी वही उठा रही है।

नई दिल्ली, आईएएनएस। फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मराईमलाईनगर प्लांट में लगभग 1,100 कर्मचारियों ने काम फिर से शुरू कर दिया है, हालांकि मजदूर संघ और प्रबंधन के बीच सेवा समाप्ति पैकेज पर कोई समझौता नहीं हुआ है। आपको बता दें, बेहतर सेवा समाप्ति पैकेज की मांग को लेकर पिछले 22 दिन से कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं।
नाम न बताने के शर्त पर एक कर्मचारी संघ के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया को बताया कि सेवरेंस पैकेज पर प्रबंधन के साथ बातचीत में कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है। हालांकि, श्रमिकों ने (ए) सेवरेंस पैकेज से सहमत होने के बाद (बी) सेवरेंस पैकेज से सहमत नहीं होने के बाद ड्यूटी पर रिपोर्ट करना शुरू कर दिया है।
इस मामले को लेकर एक त्रिपक्षीय बैठक हुई, जिसमें मजदूर संघ के प्रतिनिधि, प्रबंधन अधिकारी और तमिलनाडु श्रम विभाग के अधिकारी शामिल थे। पिछली बैठकों में, श्रम विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि मुद्दा फोर्ड इंडिया और उसके कर्मचारी संघ के बीच है और उन्हें बात करके समाधान निकालना होगा।
फोर्ड इंडिया के इस कारखाने में करीब 2,600 कर्मचारी काम करते हैं। सूत्रों ने बताया कि 400 कर्मचारी संयंत्र के गेट के बाहर हैं और करीब एक हजार कर्मचारी अपने घर पर हैं। इसके अलावा, एक अन्य यूनियन अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि प्रबंधन हर साल की सर्विस के एवज में पहले 87 दिन का वेतन ऑफर कर रहा था जो उसने बढ़ाकर करीब 110 दिन कर दिया है।
प्रदर्शनरत कर्मचारी एक अन्य कार निर्माता कंपनी के सेवा समाप्ति पैकेज के अनुसार पैकेज की मांग कर रहे हैं। उक्त कार निर्माता कंपनी ने हर साल की सर्विस के लिए कर्मचारियों को 135 दिन का वेतन दिया है और साथ ही उनके आयकर का खर्च भी वही उठा रही है।
ये कर्मचारी सोमवार से ही धरने पर बैठे हैं। कर्मचारी संगठन के अधिकारी ने कहा कि पहले जो कर्मचारी कारखाने के अंदर प्रदर्शन कर रहे थे, वे अब बाहर गेट पर धरना दे रहे हैं।
यूनियन अधिकारी ने यह भी आशंका जताई कि प्रबंधन भले ही कहे कि वह ईवी नहीं बनाना चाहता है लेकिन कंपनी ईवी के लिए जी-जान से लगी हुई है। कंपनी यह खुलासा नहीं कर रही है कि वह किस प्लांट में ईवी का निर्माण करेगी। ऐसा लगता है कि इसी प्लांट में ईवी का निर्माण होना है और उससे पहले कर्मचारियों को हटाया जा रहा है।
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