गाड़ियों में 6 एयरबैग नहीं होगा अनिवार्य? सड़क सुरक्षा निकाय ने गडकरी को लिखे पत्र में कही ये बड़ी बात
एक एक्सिडेंट में एयरबैग का काम सीटबेल्ट के बाद आता है। कई वैश्विक अध्ययनों से पता चला है कि अगर बिना सीट बेल्ट के एक फिट किया जाता है तो इससे गंभीर चोट लग सकती है और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी सड़कों पर होने वाली मौतों को कम करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। गडकरी ने कुछ समय पहले घोषणा किया था कि 1 अक्टूबर से सभी गाड़ियों में 6 एयरबैग होना अनिवार्य हो जाएगा, जिसके बाद ऑटो इंडस्ट्री ने अधिक समय की मांग की थी। गडकरी ने इंडस्ट्री की सलाह मानते हुए इस समय सीमा को एक साल के लिए आगे बड़ा दिया था। अब सड़क सुरक्षा निकाय इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (IRF) ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी से 1 अक्टूबर, 2023 से यात्री वाहनों में छह एयरबैग अनिवार्य करने वाली अधिसूचना को वापस लेने का आग्रह किया है।
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन का कहना है कि पैसेंजर सीट पर एयरबैग से जरूरी सीट बेल्ट पहनना है, इससे काफी हद तो मौतों की संख्या में कमी देखी जा सकती है। फेडरेशन के अनुसार सरकार को सबसे पहले सीट बेल्ट पर काम करना चाहिए, नहीं तो यह उल्टा हो जाएगा और लोग अधिक संख्या में जान गवां सकते हैं।
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन ने लिखा गडकरी को पत्र
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) के प्रेसिडेंट के.के कपिला ने मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा गया है कि जब 85 फीसदी लोग पीछे की सीट बेल्ट पहनना शुरू कर दें तो पैसेंजर व्हीकल में छह एयरबैग अनिवार्य कर दिए जाएं। एक बार जब यह आंकड़ा पूरे भारत में 85 प्रतिशत को पार कर जाता है, तो सरकार को छह एयरबैग के इस प्रावधान को आगे बढ़ाना चाहिए। नहीं तो यह हम पर उल्टा भारी पड़ सकता है और हम और अधिक जान गंवा देंगे।
बिना सीट बेल्ट के एयरबैग की मौजूदगी जान के लिए खतरा
फेडरेशन का कहना है कि एक दुर्घटना में सीट बेल्ट सबसे पहला रक्षक साबित होता है, जबकि एयरबैग का काम उसके बाद आता है। कई वैश्विक अध्ययनों से पता चला है कि अगर बिना सीट बेल्ट के एक फिट किया जाता है तो इससे गंभीर चोट लग सकती है और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।