नई कार की डिलीवरी से पहले जरूरी करें PDI, बाद में पछताने के अलावा कुछ नहीं आएगा हाथ
नई कार खरीदने से पहले प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) करना बहुत जरूरी है। PDI में कार के बाहरी और आंतरिक हिस्से, इंजन, और इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स को जांचा ज ...और पढ़ें
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नई कार की डिलीवरी से पहले PDI क्यों है जरूरी?
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। नई कार खरीदना हर किसी के लिए एक खास पल होता है। महीनों की प्लानिंग, बजट तय करना और फिर बुकिंग के बाद डिलीवरी का इंतजार सब कुछ बेहद उत्साह से भरा होता है। अगर इसी खुशी में आपने एक जरूरी स्टेप मिस कर दिया, तो यही नई कार आपके लिए आगे चलकर परेशानी का कारण बन सकती है। हम बात कर रहे हैं प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) की, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। आइए विस्तार में जानते हैं कि PDI क्या होता है, क्यों जरूरी है और डिलीवरी से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
क्या होता है PDI?
PDI यानी प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन। यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें कार को ग्राहक को सौंपने से पहले पूरी तरह से जांचा जाता है। इसमें कार के इंटीरियर, एक्सटीरियर, इंजन और सभी फीचर्स को चेक किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कार पूरी तरह सही हालत में है।
| PDI स्टेप | क्या चेक करें? | क्यों जरूरी है? |
|---|---|---|
| बाहरी हिस्सा |
| डेंट, खरोंच, पेंट डैमेज या टायर की खराबी पकड़ने के लिए |
| इंजन जांच |
| ढीले पार्ट्स या तकनीकी गड़बड़ी से बचाव |
| इंटीरियर जांच |
| नई कार में किसी तरह की टूट-फूट या खराब फिटिंग न हो |
| केबिन कंडीशन |
| कार पहले इस्तेमाल की गई न लगे |
| इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स |
| सभी फीचर्स सही से काम कर रहे हों |
| रोशनी में जांच | अच्छी लाइट में पूरी कार देखें | छोटी खराबी भी आसानी से नजर आए |
| चेकलिस्ट का उपयोग | सभी पॉइंट्स टिक करें | कोई जरूरी चीज छूट न जाए |
| साथ में व्यक्ति | दोस्त/फैमिली या जानकार मैकेनिक | बेहतर और भरोसेमंद जांच के लिए |
| समस्या मिलने पर | डीलर को तुरंत बताएं | डिलीवरी से पहले सुधार या नई कार की मांग |
PDI दो तरीकों से किया जाता है
- पहला तरीका: डीलर खुद कार की जांच करता है और जब वह कार को डिलीवरी के लिए फिट मान लेता है, तो उस पर PDI बैज लगा देता है। यह इस बात का संकेत होता है कि कार डिलीवरी के लिए तैयार है।
- दूसरा तरीका: कस्टमर खुद डिलीवरी से पहले कार की जांच करता है। इस दौरान वह अपनी संतुष्टि के लिए कार के हर जरूरी हिस्से को चेक कर सकता है।
PDI करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- कार के बाहरी हिस्से की जांच करें: सबसे पहले कार की बॉडी, पेंट, खिड़कियां, शीशे, हेडलैंप, टेललैंप और टायर को ध्यान से देखें। कहीं डेंट, खरोंच, पेंट में फर्क या टायर में कट-फट तो नहीं है। यह जरूर चेक करें।
- इंजन की जांच जरूरी है: इंजन खोलकर देखें कि सभी नट-बोल्ट और कनेक्टर सही से लगे हैं या नहीं। किसी तरह की ढीलापन या गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
- इंटीरियर को अच्छे से देखें: कार के अंदर सीट्स, डैशबोर्ड, इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, स्टीयरिंग व्हील, गियरशिफ्ट और अन्य फीचर्स को चेक करें। सब कुछ सही से काम कर रहा है या नहीं, यह जरूर देख लें।
- केबिन की साफ-सफाई पर ध्यान दें: कार का केबिन साफ होना चाहिए और अंदर से किसी भी तरह की बदबू नहीं आनी चाहिए।
- इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स चेक करें: ऑडियो सिस्टम और एयर कंडीशनिंग जैसी इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं को ऑन करके जरूर देखें कि वे सही से काम कर रही हैं या नहीं।
- चेकलिस्ट बनाना न भूलें: PDI के समय एक चेकलिस्ट बनाना बहुत मददगार होता है। इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि आपने कार के सभी जरूरी हिस्सों की जांच कर ली है। अगर किसी भी तरह की समस्या दिखे, तो तुरंत डीलर को बताएं और उसे ठीक कराने या नई कार की मांग करें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- PDI हमेशा अच्छी रोशनी में करें, ताकि छोटी से छोटी खामी भी नजर से न छूटे।
- अपने साथ किसी दोस्त या फैमिली मेंबर को जरूर ले जाएं, जिससे जांच और बेहतर हो सके।
- अगर संभव हो, तो ऐसे व्यक्ति को साथ लें जिसे गाड़ियों की अच्छी जानकारी हो।
हमरी राय
PDI कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि आपकी नई कार को लेकर सबसे जरूरी कदम है। थोड़ी सी सावधानी आपको भविष्य में बड़ी परेशानी और खर्च से बचा सकती है। डिलीवरी के बाद अगर कोई दिक्कत निकलती है, तो उसे ठीक करवाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि डिलीवरी से पहले ही कार को अच्छे से जांच लें, ताकि आपकी नई कार की खुशी बरकरार रहे और पछताने की नौबत न आए।

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