गाड़ी RC ट्रांसफर कराना क्यों है जरूरी? जानिए आरसी ट्रांसफर करवाने का आसान तरीका
कोई भी व्यक्ति जो पुराना वाहन ले रहा है या फिर पुराना वाहन किसी को बेच रहा है तो उस समय आरसी ट्रांसफर करने की आवश्यकता पड़ती है। आरसी ट्रांसफर को और भी आसान बनाने के लिए देश में रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। How to Transfer Vehicle Ownership: देश में सेकेंड हैंड गाड़ियों को खरीदने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जहां लोग अपनी बचत करने के लिए मनपसंद गाड़ी खरीदते हैं। सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने से पहले इच्छुक ग्राहक को गाड़ी के बारे में अच्छे से जांच पड़ताल करने के बात गाड़ी अपने नाम करवाना चाहिए, अब गाड़ी अपने नाम करवाना आसान हो गया है। आर पर अपना नाम चढ़वाने के लिए ग्राहक अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से का उपयोग कर सकते हैं। एक बार नाम आरसी ट्रांसफर होने के बाद अप्लाई करने वाला इच्छुक ग्राहक वाहन का मालिक बन जाता है।
सेकेंड हैंड कार खरीदने के पहले जरूरी जानकारी
किसी भी कार को बेचने के 14 दिन के बाद उसकी आरसी ट्रासंफर होना अनिवार्य होती है। इसके लिए आपको अपने क्षेत्र के आरटीओ में आवेदन देना होगा। जिसमें कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। इन डॉक्यूमेंट्स में RC की ओरिजनल कॉपी होना अनिवार्य है। इसके अलावा आपको Form 29 भरना होगा। जिसमें खरीदने वाले का पासपोर्ट साइज फोटो और खरीदार के साइन होना जरूरी है। इस फॉर्म को आप RTO की वेबसाइट से आप डाउनलोड कर सकते हैं।
भारत में आरसी ट्रांसफर प्रक्रिया को दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है– राज्य के भीतर और राज्य के बाहर। राज्य की सीमाओं के भीतर ही यदि वाहन खरीदा या बेचा गया है, तो ऐसे में राज्य के भीतर ही आरसी ट्रांसफर की जाती है। वहीं अगर दूसरे राज्य में उसे बेचा जाता है, उस समय अंतरराज्यीय आरसी ट्रांसफर की जाती है।
गाड़ी ट्रांसफर करवाने के लिए RTO से संपर्क करना होता है कुछ भारतीय राज्य आरटीओ से संपर्क करने और वाहन हस्तांतरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए ऑनलाइन सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। सामान्य रूप से इस प्रक्रिया में विशिष्ट फॉर्म भरना और आवश्यक दस्तावेज जमा करना होता है, जिसके पश्चात वाहन हस्तांतरण की कार्यवाई आरम्भ हो जाती है।
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