कैसे हाइब्रिड कारों में मिलता है पेट्रोल-डीजल मॉडलों से ज्यादा माइलेज? यहां जानें असली वजह
भारतीय बाजार में हाइब्रिड कारों की लोकप्रियता बढ़ रही है। ये कारें पेट्रोल और डीजल कारों से बेहतर माइलेज देती हैं क्योंकि ये इलेक्ट्रिक मोटर और इंजन के बीच स्विच करती हैं। कम स्पीड पर ये इलेक्ट्रिक पावर पर चलती हैं और ब्रेकिंग के दौरान ऊर्जा को बैटरी में स्टोर करती हैं। इलेक्ट्रिक मोटर एसी और हीटर जैसे सिस्टम को भी सपोर्ट करती है, जिससे फ्यूल की खपत कम होती है।

हाइब्रिड कारें पेट्रोल-डीजल कारों से ज्यादा माइलेज कैसे देती है?
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय बाजार में तेजी से ऑटोमोबाइल सेक्टर तेजी से बदल रहा है। यहां पर हाइब्रिड कारों की पॉपुलैरिटी तेजी से बढ़ रही है। करीब सभी बड़े कार निर्माता अब हाइब्रिड वेरिएंट पेश कर रहे हैं और बेहतर माइलेज और स्मूद ड्राइविंग अनुभव की वजह से यह सेगमेंट काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिरकार हाइब्रिड कारें पेट्रोल या डीजल कारों से इतना बेहतर माइलेज किस तरह से देती है। इस सवाल का जवाब हम यहां पर आपको विस्तार में दे रहे हैं।
कैसे काम करती है हाइब्रिड कारें?
हाइब्रिड कारों का पूरा सिस्टम तीन हिस्सों पर आधारित होता है। यह तीनों सिस्टम इंटरनल कंबशन इंजन, इलेक्ट्रिक मोटर और हाई-कैपेसिटी बैटरी होती है। एक तरफ जहां पेट्रोल-डीजल कार पूरी तरह से इंजन पर निर्भर रहती है, वहीं, हाइब्रिड कारें ड्राइविंग कंडीशन के अनुसार समझदारी से इंजन और इलेक्ट्रिक पावर के बीच स्विच करती हैं। इसकी वजह से पावर की बर्बादी नहीं होती है और इंजन केवल जरूरत पड़ने पर ही चलता है।
1. कम स्पीड पर सबसे बड़ा फायदा
हाइब्रिड कारों से सबसे ज्यादा फायदा कम स्पीड में ड्राइविंग करने पर मिलता है। जब कार धीमी गति से चल रही हो, तब हाइब्रिड कारें पूरी तरह इलेक्ट्रिक पावर पर चलती है। इलेक्ट्रिक मोड में कार बिना एक बूंद फ्यूल का इस्तेमाल किए बिना चलती है, जिससे माइलेज पर सीधा सकारात्मक असर पड़ता है।
2. बैटरी में हीट का स्टोर होना
जब भी कार रुकती या धीमी होती है, इलेक्ट्रिक मोटर जेनरेटर की तरह काम करने लगती है। ब्रेकिंग के दौरान जो ऊर्जा सामान्य कारों में हीट बनकर बर्बाद हो जाती है, उसे हाइब्रिड सिस्टम बिजली में बदलकर बैटरी में स्टोर कर लेता है।
इस तरह यात्रा के दौरान कार खुद को लगातार चार्ज भी करती रहती है।
3. इंजन का सबसे अच्छा इस्तेमाल
पेट्रोल या डीजल इंजन केवल तब सक्रिय होता है जब अतिरिक्त पावर की जरूरत होती है। हाइब्रिड कारें इंजन को उसकी सबसे अच्छी स्थिति में ही चलने देती हैं ना बहुत धीमे, ना बहुत तेज। इसकी वजह से फ्यूल की बर्बादी नहीं होती है, जबकि जबकि एक्सेलरेशन या चढ़ाई के समय इलेक्ट्रिक मोटर इंजन का बोझ हल्का कर देती है।
4. AC और अन्य सिस्टम का कम लोड
इलेक्ट्रिक मोटर एयर-कंडीशनर या हीटर जैसे सिस्टम को भी सपोर्ट देती है। जहां पेट्रोल-डीजल इंजन पर इनका अतिरिक्त लोड बढ़ता है और फ्यूल खर्च बढ़ता है, वहीं हाइब्रिड में यह भार कम हो जाता है और माइलेज बेहतर बना रहता है।

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