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    ABS in Cars: गाड़ियों में लगा ABS क्या होता है, कैसे करता है काम..जानें सबकुछ

    ABS in Cars एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम या ABS एक जरूरी सेफ्टी फीचर है और यह मॉडर्न्स कारों में पाए जाने वाले आम फीचर्स में से एक है। कारों में ABS क्या है? अगर आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। हम बता रहे हैं कि ABS कैसे काम करता है और इसके फायदे क्या हैं।

    By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Sun, 23 Jun 2024 03:30 PM (IST)
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    कैसे काम करता है एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम

    ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। हाल के समय में आने वाली लगभग सभी कारों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम यानी ABS लगा हुआ होता है। जिसको लेकर कहा जाता है कि अगर आपकी कार में यह लगा हुआ है तो दुर्घटना का खतरा कम हो जाता है। आइए जानते हैं कि ABS कैसे काम करता है।

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    क्या है एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (What is ABS)

    एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम गाड़ियों को खासतौर पर फिसलन वाली सड़कों पर या अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में ज्यादा मदद करता है। वाहन में इसे लगने से गाड़ी के पहिए पूरी तरह से रूक नहीं पाते और गाड़ी फिसलने की जगह पर जमीन के संपर्क में बनी रहती है। वहीं, अब भारत में इसे सभी गाड़ियों में लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

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    ABS सिस्टम कैसे काम करता है?

    एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम यानी ABS कार चलाते वक्त आपकी सुरक्षा को लिए काफी जरूरी फीचर्स में से एक है। यह अचनानक ब्रेक लगाने की स्थिति में कार के पहियों को लॉक होने से रोकता है, जिससे आप गाड़ी से कंट्रोल नहीं खोते हैं और दुर्घटना से बचते हैं। इसे आप इस तरह से भी समझ सकते हैं कि ABS सिस्टम में तीन मेन कॉम्पोनेंट्स होते हैं, जिनमें स्पीड सेंसर हर पहिए की स्पीड मॉनीटर करते हैं।

    ABS सिस्टम आसान भाषा में इस तरह से समझें।

    • एबीएस सिस्टम में 3 मुख्य कॉम्पोनेंट्स होते हैं, जिनमें स्पीड सेंसर हर पहिये की गति को मॉनिटर करते हैं।
    • इसमें लगे हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट ब्रेक फ्लुइड के प्रेशर को कंट्रोल करती है।
    • फिर इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट यानी ECU सेंसर से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण करती है और हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट को इंट्रक्शन देती है।
    • जब आप कार को रोकने के लिए ब्रेक दबाते हैं तो ब्रेक फ्लुइड ब्रेक पैड्स को पहियों से सटाने के लिए प्रेशर डालता है।
    • जिसके बाद पहियों की स्पीड तेजी से कम होने लगती है। जिसे स्पीड सेंसर इस स्थिति को ECU को बताते हैं।
    • ECU से संकेत मिलते ही हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट को ब्रेक फ्लुइड के प्रेशर को कम करने का निर्देश देता है।
    • जब ब्रेक फ्लुइड का प्रेशर कम होता है तो ब्रेक पैड्स का पहियों पर लगने वाला घर्षण कम हो जाता है।
    • इसकी वजह से पहिए पूरी तरह से लॉक नहीं होते हैं और घूमते रहते हैं।
    • पहियों के घूमते रहने के कारण गाड़ी का जमीन के साथ घर्षण बना रहता है और गाड़ी रुकने लगती है।
    • इस तरह से तेजी से ब्रेक लगाने से पर भी सड़क पर गाड़ी फिलसने के बजाय कंट्रोल में रहते हुए रुक जाती है।

    ABS के फायदे

    • तेज ब्रेक लगाने पर भी गाड़ी को चलाने में मदद मिलती है।
    • पहियों को लॉक होने से रोकता है, जिसकी वजह से गाड़ी को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।
    • आपातकालीन स्थितियों में स्टीयर करने में मदद करता है।
    • अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी को स्किड होने से बचाता है।
    • बाइक में लगा होने पर, बाइक फिसलने से रुक जाती है।
    • नई कारों और ट्रकों में, ABS अक्सर ट्रैक्शन कंट्रोल और इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण जैसी अन्य सुरक्षा प्रणालियों के साथ मिलकर काम करता है।

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