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    Minor Driving In India: कम उम्र में चलाई गाड़ी, तो अपने साथ पैरेंट्स को भी ले जाओगे जेल

    Updated: Sat, 27 Jul 2024 11:30 PM (IST)

    हम यहां पर बता रहे हैं कि भारत में नाबालिगों के लिए गाड़ी चलाने के लिए ट्रैफिक नियम क्या है। इसके साथ ही यह भी बता रहे हैं कि अगर नाबालिग ट्रैफिक नियमों का पालन न करते हुए दोषी पाया जाता है तो उनके ऊपर क्या जुर्माने और दंड हो सकते हैं। इतना ही नहीं उनके पैरेंट्स पर किस तरह के जुर्माने और दंड का सामना करना पडे़गा।

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    भारत में कम उम्र में गाड़ी चलाने को लेकर जुर्माने और दंड पूरी जानकारी

    ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत में ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानदंडों में से एक व्यक्ति का कानूनी रूप से वयस्क होना है यानी वह 18 वर्ष या उससे अधिक हो। हाल में कुछ ऐसी घटनाएं देखने के लिए मिली है, जिसमें गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति की उम्र कम थी। ऐसी घटनाएं एक गंभीर मामला है, जो न केवल पुलिस द्वारा बल्कि परिवारों द्वारा भी सख्त प्रवर्तन की आवश्यकता को भी बढ़ाता है। जिसे देखते हुए हम यहां पर मोटर वाहन अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम में बताए गए कम उम्र में वाहन चलाने के लिए कुछ जुर्माने और दंडों के बारे में बता रहे हैं।

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    कम उम्र में वाहन चलाने के लिए जुर्माना और दंड

    भारत में कम उम्र में वाहन चलाने को लेकर 2019 में संशोधित और कठोर नियम लेकर आए गए थे। जो निम्नलिखित है-

    • मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 199ए के तहत अगर नाबालिक अपराध करता है तो किशोर या मोटर वाहन मालिक के माता-पिता को दोषी माना जाएगा। इसके साथ ही उसके अनुसार दंडित किया जाएगा।
    • दंड के अलावा अभिभावक या मोटर वाहन मालिक को तीन साल की जेल और 25,000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। साथ ही 12 महीने के लिए वाहन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
    • अगर नाबालिक के पास लर्निंग लाइसेंस है और वह ऐसा वाहन चला रहा है, जिसे चलाने की उसे परमिशन है (बिना गियर वाली मोटरसाइकिल जिसकी क्षमता 50 सीसी से अधिक न हो) तो ऊपर बताए गए जुर्माने और दंड लागू नहीं होंगे।
    • अगर नाबालिग इस अधिनियम के तहत कोई अपराध करता है तो वह 25 वर्ष की आयु होने तक ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई नहीं कर सकता है।

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    वाहन मालिकों के लिए जुर्माना और दंड

    • अगर वाहन मालिक किसी नाबालिग को कार चलाने की परमिशन देता है तो मालिक को कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
    • इसमें तीन महीने तक की कैद या 5,000 रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों भुगतना पड़ सकता है।
    • वहीं अगर माता-पिता यह साबित कर सकते हैं कि नाबालिक उनकी परमिशन के बिना गाड़ी चला रहा है तो उन्हें दंड से छूट मिल सकती है।
    • मोटर वाहन अधिनियम की धारा 181 के तहत नाबालिग को तीन महीने तक की जेल या 5,000 रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।

    अगर नाबालिग दोषी हो

    • अगर कोई बच्चा दोषी पाया जाता है तो उसे किशोर न्याय की धारा 18 के तहत उसे सलाह और परामर्श के साथ घर भेजा जा सकता है।
    • बच्चे को निगरानी में सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया जा सकता है।
    • बच्चे या उसके माता-पिता पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
    • बच्चे को किसी जिम्मेदार व्यक्ति की देखरेख में तीन साल तक परिवीक्षा पर छोड़ा जा सकता है। जिसे बच्चे के अच्छे व्यवहार और कल्याण को सुनिश्चित करना होगा।
    • बच्चे को तीन साल तक के लिए एक विशेष घर में भेजा जा सकता है, जहां पर उसे शिक्षा, कौशल विकास, परामर्श, व्यवहार संशोधन चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जाएगी।

    किशोरों द्वारा नशे में गाड़ी चलाने पर दंड

    भारत में राज्य के कानूनों के आधार पर शराब पीने की कानूनी उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच होती है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत नशे में गाड़ी चलाने से निपटने के लिए विशिष्ट प्रावधान हैं। जो इस प्रकार है-

    • इस अधिनियम के मुताबिक, अगर कोई 30 मिलीग्राम प्रति 100 मिलीलीटर से ज्यादा शराब पीकर गाड़ी चलाता है तो तो उसे कारावास और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
    • पहली बार पकड़े जाने पर छह महीने तक की संभावित कैद हो सकती है।
    • इसके अलावा अपराधी का ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।
    • अगर अपराधी बार-बार यह कर रहा है तो उसे कठोर दंड दिया जा सकता है।
    • अगर 16 से 18 वर्ष की आयु के बीच का कोई किशोर नशे में वाहन चलाकर किसी की मृत्यु या चोट का कारण बनता है तो उसे सात साल या उससे अधिक की जेल की सजा हो सकती है।
    • अपराध के आधार पर उसके साथ वयस्क की तरह व्यवहार भी किया जा सकता है।

    नाबालिग के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO नियम

    • हाल में भारत में 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है, लेकिन 16 वर्ष की आयु में किशोर 50cc की क्षमता वाली बिना गियर वाली मोटरसाइकिल के लिए ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर सकते हैं।
    • इसे किशोर 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद अपडेट करवा सकते हैं।
    • अगर नाबालिग इस वाहन के अलावा कोई दूसरा वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे सख्त सजा का सामना करना पड़ सकता है।
    • इसके साथ ही 25 साल की उम्र के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकता है।

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