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    Used Car खरीदते समय ऐसे चेक करें इंजन की कंडीशन, इन बातों का नहीं रखा ध्यान तो लग जाएगा चूना!

    By Rammohan MishraEdited By: Rammohan Mishra
    Updated: Thu, 31 Aug 2023 08:25 AM (IST)

    Used Car खरीदने से पहले उसको चलाकर परखना बहुत जरूरी है। ऐसा न करने पर आफको भारी नुकसान हो सकता है। पुरानी कार खरीदते समय हमेशा सर्विस हिस्ट्री चेक करें। अगर किसी कार का सर्विस रिकॉर्ड बेहतर है तो इसका मतलब है कि उसे ढंग से रखा गया है। आजकल कई कारें टर्बोचार्ज्ड इंजन के साथ आती हैं। पावरट्रेन के इंटरनल पार्ट्स को चेक करना भी काफी जरूरी है।

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    Used Car खरीदते समय कुछ चाजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लगातार बढ़ रही महंगाई और कमाई के सीमित संसाधन के चलते मौजूदा समय में सबके लिए नई कार खरीदना अभी भी काफी मुश्किल है। ऐसे में उनके पास Second Hand Cars खरीदने का विकल्प रहता है।

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    होता क्या है कि पुरानी कार खरीदते समय हम उसकी बाहरी स्थिति तो तुरंत देख लेते हैं, लेकिन गाड़ी के इंजन का पता लगाना काफी मुश्किल रहता है। अपने इस लेख में हम जानेंगे कि पुरानी कार के इंजन को कैसे जांचा जा सकता है। आइए, इसे कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं में समझ लेते हैं।

    टेस्ट ड्राइव लें

    Used Car खरीदने से पहले उसे चलाकर परखना बहुत जरूरी है। ऐसा न करने पर आफको भारी नुकसान हो सकता है। हो सकता है कि आप जिस कार को खरीदनी चाह रहे हैं उसकी कंडीशन को बहुत अच्छी है, लेकिन गाड़ी का इंजन पूरी तरह से खराब या जर्जर हो चुका हो। ऐसे में कार को अच्छी तरह से चलाएं और अनुभव करें कि पॉवरट्रेन में कोई लैग तो नहीं है। इसके अलावा इंजन के पावर, टॉर्क और फ्यूल एफिशियंशी जैसी महत्वपूर्ण चीजों का भी ध्यान रखना आवश्यक है।

    सर्विस हिस्ट्री देखें

    पुरानी कार खरीदते समय हमेशा सर्विस हिस्ट्री चेक करें। अगर किसी कार का सर्विस रिकॉर्ड बेहतर है, तो इसका मतलब है कि उसे ढंग से रखा गया है। जैसा कि आपको पता है, सारे वाहनों का एक निश्चित सेवा अंतराल होता है जैसे 5,000 किमी या 10,000 किमी। अगर वाहन की नियमित समय पर सर्विस कराई गई है, तो यह अच्छे रखरखाव का संकेत है। इसके अलावा, आप सर्विस रिकॉर्ड के माध्यम से जांच सकते हैं कि कार की उचित अंतराल पर सर्विस की गई है या नहीं।

    इंटरनल पार्ट चेक करें 

    आजकल कई कारें टर्बोचार्ज्ड इंजन के साथ आती हैं। यदि प्रयुक्त कारें टर्बोचार्ज्ड मॉडल हैं, तो ऐसी स्थिति में पावरट्रेन के इंटरनल पार्ट्स को चेक करना भी काफी जरूरी है।

    जब आप कार का इंजन चालू करें, तो टर्बोचार्जर से किसी भी लीक या अजीब आवाज पर ध्यान दें। इसके अलावा ये समझने के लिए कार चलाएं कि टर्बो इंजन के साथ तालमेल बिठाकर काम कर रहा है या नहीं।