Car Care Tips : कब कराएं टायर रोटेशन, क्या है इसका महत्व ? यहां पढ़ें डिटेल्स
व्हील एलाइनमेंट टायर्स के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होती है। अगर आपकी कार एक ओर जा रही है या ठीक प्रकार ड्राइविंग नहीं हो रही है या फिर स्टीयरिंग में कंपन हैं तो व्हील एलाइनमेंट इन परेशानियों को ठीक कर सकता है।टायर रोटेशन हर 8 से 10 हजार किलोमीटर पर करा लेना चाहिए। यह टायर के रोटेशन के लिए सही समय होता है।

नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। अधिकतर लोगों को टायर रोटेशन के बारे में पता नहीं है। जिसके कारण बाद में उनको कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिन लोगों के इसके बारे में जानकारी नहीं है उनको होनी चाहिए क्योंकि टायर रोटेशन आपकी सेफ्टी और पैसा दोनों के लिए जरूरी है। दरअसल, टायर रोटेशन कराते रहने से ये फायदा होता है कि सभी टायर्स बराबर नहीं घिसते हैं। आगे वाले टायर अधिक घिसते हैं और पीछे वाले कम घिसते हैं क्योंकि कार में आगे अधिक वजन होता है। टायर रोटेशन से टायर का बराबर घिसना जरुरी होता है। जिससे उसकी उम्र बढ़ती है और ग्रिप बनाए रखने में मदद मिलती है।
कार का कंट्रोल अच्छा रहता है
अगर टायर की उम्र बढ़ेगी तो आपको नए टायर को खरीदने की जरूरत कम होगी। यानी आपके पैसे कम खर्च होंगे। इसके अलावा, सुरक्षा के नजरिए से भी टायर रोटेशन जरुरी होती है। समान ग्रिप और स्टेबिलिटी वाले टायर्स अच्छी रोड होल्डिंग और ब्रेकिंग में मदद करते हैं। जिससे कार का कंट्रोल अच्छा रहता है और किसी आपातकालीन स्थिति में कार अच्छे से काम करती है।
कब कराएं टायर रोटेशन
टायर रोटेशन हर 8 से 10 हजार किलोमीटर पर करा लेना चाहिए। यह टायर के रोटेशन के लिए सही समय होता है। टायर रोटेशन में कार के आगे वाले टायर को पीछे कर दिया जाता है और पीछे वाले टायर को आगे लगा दिया जाता है।
व्हील एलाइनमेंट टायर्स के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होती है। अगर आपकी कार एक ओर जा रही है या ठीक प्रकार ड्राइविंग नहीं हो रही है या फिर स्टीयरिंग में कंपन हैं तो व्हील एलाइनमेंट इन परेशानियों को ठीक कर सकता है। अगर गाड़ी चलाते समय कंपन महसूस कर रहे हैं तो इसको नजरअंदाज न करें। समय रहते टायर को ठीक करवाएं।
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