Rahu Ketu Shanti Ke Upay: राहु-केतु ने बढ़ा दी हैं जीवन में मुश्किलें, को ऐसे पाएं छुटकारा
ज्योतिष शास्त्र माना गया है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु की स्थिति ठीक न हो तो उसे कई तरह के कष्टों का समाना करना पड़ता है। ऐसे में आप शनिवार के दिन राहु-केतु के कुछ उपाय करके इनके बुरे प्रभावों से बचे रह सकते हैं। इन उपायों को करने के लिए शनिवार का दिन सबसे बेहतर माना गया है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह बताया है। ये दोनों ही ग्रह अक्सर बुरे परिणाम देते हैं, जिससे जीवन की समस्याएं बढ़ सकती हैं। वहीं अगर कुंडली में इनकी स्थिति मजबूत हो तो जीवन में किसी तरह की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे में आइए जानते हैं राहु-केतु (Rahu ketu Shanti Ke Upay) को मजबूत करने के उपाय।
राहु के उपाय
अगर आपको राहु के नकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं, तो इसके लिए चन्दन घिसकर अपने माथे पर लगाना चाहिए। इसके साथ ही किसी विशेषज्ञ को अपनी जन्मपत्री दिखाएं और उसके अनुसार रत्न धारण करें। राहु की स्थिति को देखते हुए गोमेद रत्न धारण करना भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा शनिवार को किए गए उपाय भी आपको राहु के बुरे प्रभावों से मुक्ति दिला सकते हैं। शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए और राहु के बीज मंत्र या वैदिक मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दौरान पूजा में नीले फूल चढ़ाएं।
राहु बीज मंत्र
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः । ॐ रां राहवे नमः ॥
इस मंत्र के जाप के लिए शनिवार के दिन रुद्राक्ष या काले स्फटिक की माला का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे आपको जल्द ही स्थिति में लाभ देखने को मिलेगा।
केतु के उपाय
केतु दोष से निजात पाने के लिए दान के रूप में कंबल, छाता, लोहा, उड़द, गर्म कपड़े, कस्तूरी, लहसुनिया आदि देना चाहिए। इसके साथ ही केतु दोष से होने वाली परेशानियों से बचने के लिए काले या फिर सफेद कुत्ते को अन्न खिलाना चाहिए। इसके अलावा हर शनिवार के दिन पीपल पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं।
करं इस मंत्र का जाप
ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:
केतु के दोष को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करना लाभकारी माना गया है। इस मंत्र का 5, 11 या 18 माला जाप भी करना फायदेमंद होता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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