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अंतरिक्ष में हथियारों पर लगाम के लिए अब रूस ने उठाया ये कदम, कुछ समय पहले अमेरिका और जापान के संयुक्त प्रस्ताव पर किया था वीटो

अमेरिका और जापान की ओर से लाए गए एक प्रस्ताव को वीटो करने के कुछ दिनों बाद रूस खुद अंतरिक्ष में हथियारों पर लगाम लगाने वाला एक प्रस्ताव लेकर आया है। इस प्रस्ताव में में सभी देशों से अंतरिक्ष में हथियारों पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाने की अपील की गई है। रूस का मसौदा प्रस्ताव अमेरिका और जापान के प्रस्ताव से कहीं आगे है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Published: Thu, 02 May 2024 04:00 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 04:00 PM (IST)
अंतरिक्ष में हथियारों पर लगाम के लिए अब रूस ने उठाया ये कदम

एपी, संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका और जापान की ओर से लाए गए एक प्रस्ताव को वीटो करने के कुछ दिनों बाद रूस खुद अंतरिक्ष में हथियारों पर लगाम लगाने वाला एक प्रस्ताव लेकर आया है।

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इस प्रस्ताव में में सभी देशों से अंतरिक्ष में हथियारों पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाने की अपील की गई है। रूस का मसौदा प्रस्ताव अमेरिका और जापान के प्रस्ताव से कहीं आगे है। इसमें न केवल अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती पर रोक के प्रयास की अपील की गई है, बल्कि हमेशा के लिए अंतरिक्ष में खतरा या बल प्रयोग रोकने की बात कही गई है।

साथ ही कहा गया है कि अंतरिक्ष से पृथ्वी के खिलाफ और पृथ्वी से अंतरिक्ष में मौजूद उपकरणों के खिलाफ हथियार तैनात न करने की बात भी शामिल होनी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में रूस की राजदूत वासिली नेबेंजिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो के वक्त कहा था कि प्रस्ताव में केवल परमाणु हथियारों सहित सामूहिक विनाश के हथियारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है और अंतरिक्ष में अन्य हथियारों का कोई उल्लेख नहीं है।

24 अप्रैल को अमेरिका और जापान के प्रस्ताव पर मतदान होने से पहले, रूस और चीन ने एक संशोधन का प्रस्ताव रखा था, जिसमें सभी देशों से विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षमताओं वाले देशों से, अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती को हमेशा के लिए रोकने का आह्वान किया था।

रूस ने अमेरिका के प्रस्ताव को किया था वीटो

अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव को रूस ने वीटो कर दिया। लगभग छह सप्ताह की बातचीत के बाद अमेरिका और जापान द्वारा आउटर स्पेस ट्रीटी मसौदा प्रस्ताव पर मतदान कराया गया। इसके पक्ष में 13 वोट पड़े, जबकि चीन अनुपस्थित रहा। यह प्रस्ताव सदस्य देशों को परमाणु सहित सामूहिक विनाश के हथियारों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित न करने के लिए बाध्य करता है।

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