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Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी

अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। इन उपायों को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके लिए साधक अक्षय तृतीया पर स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Mon, 06 May 2024 07:39 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 07:59 PM (IST)
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Akshaya Tritiya 2024: सनातन धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। इन उपायों को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, आर्थिक विषमता भी दूर होती है। अतः साधक अक्षय तृतीया पर स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अगर आप भी आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो अक्षय तृतीया के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की साधना करें। साथ ही पूजा के समय इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करें। इस स्तोत्र के पाठ से धन संबंधी हर परेशानी दूर होती है।

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धनदा लक्ष्मी स्तोत्र 

धनदे धनपे देवी, दानशीले दयाकरे।

त्वम् प्रसीद महेशानी यदर्थं प्रार्थयाम्यहम ।।

धरामरप्रिये पुण्ये, धन्ये धनद-पूजिते।

सुधनं धार्मिकं देहि ,यजमानाय सत्वरम ।।

रम्ये रुद्रप्रियेअपर्ने, रमारूपे रतिप्रिये।

शिखासख्यमनोमूर्ते प्रसीद प्रणते मयी ।।

आरक्त -चरणामभोजे, सिद्धि-सर्वार्थदायिनी।

दिव्याम्बर्धरे दिव्ये ,दिव्यमाल्यानुशोभिते ।।

समस्तगुणसम्पन्ने, सर्वलक्षण -लक्षिते।

शरच्चंद्रमुखे नीले ,नीलनीरद- लोचने ।।

चंचरीक -चमू -चारू- श्रीहार -कुटिलालके।

दिव्ये दिव्यवरे श्रीदे ,कलकंठरवामृते ।।

हासावलोकनैर्दिव्येर्भक्तचिन्तापहारिके।

रूप -लावण्य-तारुण्य -कारुण्यगुणभाजने ।।

क्वणत-कंकण-मंजीरे, रस लीलाकराम्बुजे।

रुद्रव्यक्त -महतत्वे ,धर्माधारे धरालये ।।

प्रयच्छ यजमानाय, धनं धर्मैक -साधनं।

मातस्त्वं वाविलम्बेन, ददस्व जगदम्बिके ।।

कृपाब्धे करूणागारे, प्रार्थये चाशु सिद्धये।

वसुधे वसुधारूपे ,वसु-वासव-वन्दिते ।।

प्रार्थिने च धनं देहि, वरदे वरदा भव।

ब्रह्मणा ब्राह्मणेह पूज्या ,त्वया च शंकरो यथा ।।

श्रीकरे शंकरे श्रीदे प्रसीद मयी किन्करे।

स्तोत्रं दारिद्र्य -कष्टार्त-शमनं सुधन -प्रदम ।।

पार्वतीश -प्रसादेन सुरेश किन्करे स्थितम।

मह्यं प्रयच्छ मातस्त्वं त्वामहं शरणं गतः ।।

धनदा लक्ष्मी स्तोत्र के लाभ

सनातन शास्त्रों में निहित है कि धनदा लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त दरिद्रता दूर होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस स्तोत्र का पाठ सामान्य दिनों में भी पूजा के समय कर सकते हैं। रोजाना धनदा लक्ष्मी स्तोत्र के पाठ से घर पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही आय और सौभाग्य में स्थिरता बनी रहती है।

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