Lok Sabha Election 2024: 'मैं बस इतना कह रहा हूं कि...' मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने पर PM मोदी का दो-टूक जवाब
पीएम मोदी ने कहा कि मैं संविधान की भावना में रहना चाहता हूं। मैं संविधान की प्रतिष्ठा बढ़ाना चाहता हूं। मैं लगातार कहता आया हूं कि धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान के खिलाफ है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुसलमानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। हमने संसद में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा उठाया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Lok Sabha Election 2024। लोकसभा चुनाव के बीच आरक्षण के मुद्दे पर सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस चाहती है कि ओबीसी, एससी, एसटी के आरक्षण का हिस्सा मुस्लिम समुदाय को दी जाए। वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ निशाना साध रही है।
आरक्षण देने का आधार धर्म नहीं हो सकता: पीएम मोदी
इसी बीच पीएम मोदी ने धर्म आधारित आरक्षण को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने कहा कि धर्म, आरक्षण प्रदान करने का अधिकार नहीं हो सकता है। यह संविधान के खिलाफ है। एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए पीएम मोदी ने कहा,"मैंने कभी नहीं कहा कि मुसलमानों को आरक्षण नहीं मिलेगा। मैं बस इतना कह रहा हूं कि धर्म आरक्षण देने का आधार नहीं हो सकता। देश में गरीबों में सभी हिंदू, ईसाई और पारसी शामिल हैं; सभी को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।"
पीएम मोदी ने आगे कहा,"दलितों और आदिवासियों को हजारों वर्षों से अन्याय का सामना करना पड़ा है। हमारे संविधान निर्माताओं ने सही निर्णय लिया है और हम इसके लिए आभारी हैं, कोई भी राजनीतिक दल संविधान का विरोध नहीं करते।"
पीएम मोदी ने संविधान सभा का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा,"जब संविधान लिखा गया था, उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू, बाबासाहेब अंबेडकर और राजेंद्र बाबू जैसे नेता वहां थे; आरएसएस या बीजेपी से कोई नहीं था और सभी समुदायों के प्रतिनिधि भी थे। एक लंबी चर्चा के बाद, यह निर्णय लिया गया कि धर्म के आधार पर आरक्षण समाज के लिए हानिकारक होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक आदिवासियों और दलितों के समुदायों को सामाजिक बुराइयों का सामना करना पड़ा और एक बहुत बड़े वर्ग के साथ अन्याय हुआ। जन्म के आधार पर समाज की गलतियों को दूर करना आवश्यक था।
मुसलमानों को भी मिले आरक्षण का लाभ
पीएम मोदी ने कहा कि मैं संविधान की भावना में रहना चाहता हूं। मैं संविधान की प्रतिष्ठा बढ़ाना चाहता हूं। मैं लगातार कहता आया हूं कि धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान के खिलाफ है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुसलमानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। हमने संसद में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा उठाया था।
पीएम मोदी ने कहा कि अगर किसी गांव में सरकारी योजना के तहत 50 लोगों को घर की जरूरत है, तो सभी 50 लोगों को घर मिलनी चाहिए ना कि सिर्फ 49 लोगों को घर मिले। सभी सरकारी योजनाओं में हर समुदाय और धर्म को शामिल किया जाएगा। यह सामाजिक न्याय की गारंटी है। धर्मनिरपेक्षता की गारंटी है।"
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