Move to Jagran APP

Uttarakhand Rainfall Roundup: गर्मी की शुरुआत में मिली कुछ राहत, फिर मौसम बना बेरहम; अप्रैल में 46 प्रतिशत कम बरसे मेघ

Uttarakhand Rainfall Roundup मार्च में प्रदेश में सामान्य से 29 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी लेकिन अप्रैल में मेघ सामान्य से 46 प्रतिशत कम बरसे। अप्रैल की शुरुआत के साथ ही मौसम शुष्क बना रहा। पहले सप्ताह प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान तेजी से चढ़ा। हालांकि दूसरे पखवाड़े के बाद से बादलों की आंख-मिचौनी शुरू हो गई। बीते-बीच में वर्षा के दौर भी हुए।

By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Published: Thu, 02 May 2024 01:17 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 01:17 PM (IST)
Uttarakhand Rainfall Roundup: अप्रैल में 46 प्रतिशत व ग्रीष्मकाल में 20 प्रतिशत कम बरसे मेघ

जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Rainfall Roundup: इस वर्ष ग्रीष्मकाल की शुरुआत कुछ राहत देने वाली रही थी, लेकिन अब फिर से मौसम की बेरुखी बनी हुई है। मार्च में प्रदेश में सामान्य से 29 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी, लेकिन अप्रैल में मेघ सामान्य से 46 प्रतिशत कम बरसे। जिससे एक ओर जंगल की आग बेकाबू हो रही है, वहीं मई और जून में भीषण गर्मी पड़ने के आसार हैं। अब तक ग्रीष्मकाल में भी बारिश सामान्य से 20 प्रतिशत कम हुई है। चमोली, उत्तरकाशी, देहरादून, रुद्रप्रयाग और टिहरी में वर्षा अधिक हुई। अन्य जनपदों में कम रही।

loksabha election banner

अप्रैल की शुरुआत के साथ ही मौसम शुष्क बना रहा। पहले सप्ताह प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान तेजी से चढ़ा। हालांकि, दूसरे पखवाड़े के बाद से बादलों की आंख-मिचौनी शुरू हो गई। बीते-बीच में वर्षा के दौर भी हुए। मैदानी क्षेत्रों में कम और पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक वर्षा-बर्फबारी रिकार्ड की गई।

माह की समाप्ति के दौरान अंतिम दिनों में कहीं-कहीं बौछारों का दौर चलता रहा। पूरे माह ज्यादातर दिन अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहा। हालांकि, अंतिम एक सप्ताह में सूरज के तेवर तल्ख होने से पारे में खासा इजाफा दर्ज किया गया और मैदानी क्षेत्रों में पारा 38 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचा।

शुष्क मौसम में जंगल की आग हुई बेकाबू

पूरे शीतकाल में करीब 56 प्रतिशत कम वर्षा हुई। जिसके चलते वातावरण में नमी नहीं रही। इसके बाद मार्च में जरूर सामान्य से अधिक वर्षा हुई, लेकिन तापमान में भी तेजी से बढ़ा और अब अप्रैल में भी सामान्य से काफी कम वर्षा दर्ज की गई। जिससे जंगलों में आग की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी।

अप्रैल में पर्वतीय क्षेत्रों में आग बेकाबू हो रही है। वैसे तो फायर सीजन में फरवरी मध्य से अब तक सात सौ से अधिक घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें करीब नौ हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जल चुका है। अप्रैल की बात करें तो इस माह प्रदेश में जंगल की आग की 600 से अधिक घटनाएं इसी माह हुईं और इस दौरान नौ हेक्टेयर के करीब वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा।

ग्रीष्मकाल में प्रदेश में वर्षा की स्थिति

  • जनपद, वास्तविक, सामान्य , अंतर
  • चमोली, 114 124, -08
  • रुद्रप्रयाग, 9,6, 142, -32
  • देहरादून, 100, 100, 00
  • उत्तरकाशी, 103, 122, -16
  • टिहरी गढ़वाल, 90, 90, 00
  • बागेश्वर, 70, 77, -09
  • पिथौरागढ़, 62, 132, -53
  • अल्मोड़ा, 60, 77, -22
  • नैनीताल, 54, 86, -37
  • पौड़ी, 51, 47, 09
  • ऊधमसिंह नगर, 43, 27, 56
  • चंपावत, 40, 55, -28
  • हरिद्वार, 35, 47, -26
  • औसत, 76, 96, -20

शीतकाल में वर्षा की स्थिति

  • अक्टूबर में 35 प्रतिशत कम वर्षा 
  • नवंबर में 43 प्रतिशत कम वर्षा
  • दिसंबर में 90 प्रतिशत कम वर्षा
  • जनवरी में 99 प्रतिशत कम वर्षा
  • फरवरी में 17 प्रतिशत कम वर्षा

ग्रीष्मकाल में वर्षा की स्थिति

  • मार्च में 29 प्रतिशत अधिक वर्षा
  • अप्रैल में 46 प्रतिशत कम वर्षा

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.