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भीतरघात से निपटने के लिए JMM ने बनाया मास्टरप्लान, इन दिग्गज नेताओं को बाहर निकाल दिया क्लियर मैसेज

झामुमो ने अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि पार्टी किसी भी स्तर पर बगावत बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे में गठबंधन और खासकर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने राहत की सांस ली है। पहले चरण में कुछ इलाकों में झामुमो नेताओं के विरोध का सामना कर रही कांग्रेस के लिए आने वाले चरणों में ऐसा विरोध होता प्रतीत नहीं हो रहा है।

By Ashish Jha Edited By: Shashank Shekhar Published: Sun, 12 May 2024 07:36 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2024 07:36 PM (IST)
भीतरघात से निपटने के लिए JMM ने बनाया मास्टरप्लान (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं को संदेश दे दिया है कि पार्टी किसी भी स्तर पर बगावत को बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे में सत्ताधारी गठबंधन और खासकर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने राहत की सांस ली है।

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पहले चरण में कुछ इलाकों में झामुमो नेताओं के विरोध का सामना कर रही कांग्रेस के लिए आने वाले चरणों में ऐसा विरोध होता प्रतीत नहीं हो रहा है। लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार का विरोध सहयोगी दल झामुमो के विधायक चमरा लिंडा कर रहे हैं और उन्होंने पार्टी के निर्णय का विरोध करते हुए अपनी दावेदारी भी ठोक दी है।

इसी प्रकार खूंटी से भी झामुमो के एक सीनियर नेता ने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ अपनी दावेदारी ठोक दी है। तमाम ऐसे नेताओं के खिलाफ झामुमो ने कार्रवाई करते हुए संदेश दे दिया है और इसका लाभ कांग्रेस के उम्मीदवारों को अगले चरणों में मिलेगा। इस कदम से झामुमो को भी सहयोगी पाटियों का पूरा सहयोग मिलने के आसार हैं। पार्टी ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है।

झामुमो इस रणनीति से बढ़ रही आगे 

झारखंड मुक्ति मोर्चा यह सुनिश्चित करने की कोशिशों में लगा है कि उसके शीर्ष नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल में रहने का फायदा कोई उठा ना सके। खासकर पार्टी का कोई दूसरा नेता नहीं। इस कारण से बगावत करने वालों को तुरंत सीख देने का काम किया गया है।

आगे के चुनावों में खासकर धनबाद, गोड्डा, हजारीबाग, गिरिडीह आदि क्षेत्रों में झामुमो और सहयोगी दलों के बीच समन्वय बढ़ेगा और निश्चित रूप से गठबंधन के उम्मीदवार राजग उम्मीदवारों को अधिक चुनौती दे सकेंगे। सत्ताधारी गठबंधन के बीच बढ़ते समन्वय को देखकर यह कहा जा सकता है कि झामुमो, कांग्रेस और राजद का यह गठबंधन आने वाले विधानसभा चुनावों में भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगा।

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