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पूर्वांचल की इन सीटों पर भाजपा का सिरदर्द बढ़ा रही यह महिला कांग्रेस नेता, एक झटके में मतदाताओं को कर लेती हैं अपनी ओर

सुप्रिया श्रीनेत के पिता स्व. हर्षवर्धन का महराजगंज में मजबूत राजनीतिक आधार रहा है। वह दो बार यहां से सांसद व एक बार फरेंदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जनता दल के टिकट पर कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र सिंह को हराया था। 2009 के आम चुनाव में उन्हें कांग्रेस के टिकट पर फिर विजय मिली।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Sun, 26 May 2024 10:09 AM (IST)Updated: Sun, 26 May 2024 10:09 AM (IST)
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व पार्टी की इंटरनेट मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत।

 विश्वदीपक त्रिपाठी, जागरण महराजगंज। देश व प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों में महराजगंज के जिन नेताओं का प्रभाव है, उनमें से एक प्रमुख नाम कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व पार्टी की इंटरनेट मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत का भी है। इस बार चुनाव मैदान में न होने के चलते भले ही वह सीधे तौर पर चुनावी परिदृश्य से दूर हैं, लेकिन महराजगंज के सियासी रण में उनका रसूख दांव पर लगा है।

अगर उनके गृह जनपद में पार्टी के प्रत्याशी को सफलता मिलती है तो निश्चित रूप से उनका कद बढ़ेगा। जिले के सामान्य वर्ग एवं महिला वर्ग में उनकी पकड़ मानी जाती है। पार्टी प्रत्याशी को उम्मीद है कि उनके प्रभाव से इन वर्गों का वोट उन्हें मिल सकेगा। पूर्व सांसद स्व. हर्षवर्धन सिंह सुप्रिया के पिता हैं। उनके निधन के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में वह प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में आईं।

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चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर वह मैदान में उतरीं। भाजपा से पंकज चौधरी व सपा से कुंवर अखिलेश सिंह मुकाबले में खड़े थे। इस चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिल पाई और 72 हजार 516 मत पाकर वह तीसरे स्थान पर रहीं। चुनावी हार के बाद भी पार्टी में उनका कद बढ़ता गया। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में वह अपने गृह क्षेत्र फरेंदा से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी को जिताने में सफल रहीं।

लोकसभा चुनाव में जब आइएनडीआइए की तरफ से वीरेंद्र चौधरी मैदान में आए तो एक बार फिर पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए वह चुनावी मैदान में उतर गईं हैं। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में उनका उपयोग राष्ट्रीय स्तर पर कर रही है। लोकप्रियता के हिसाब से उन्हें देश के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।

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इन सबके बीच महराजगंज के चुनावी हलचल पर भी उनकी नजर है। प्रत्याशी के केंद्रीय चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के साथ ही वह उनके नामांकन के दौरान भी उपस्थित रहीं। चुनावी सरगर्मी में जब भी मौका मिल रहा है, क्षेत्र में आकर आम जन से पार्टी प्रत्याशी को विजयश्री दिलाने के लिए अपील कर रहीं हैं।

दो बार सांसद रहे हैं सुप्रिया श्रीनेत के पिता हर्षवर्धन

सुप्रिया श्रीनेत के पिता स्व. हर्षवर्धन का महराजगंज में मजबूत राजनीतिक आधार रहा है। वह दो बार यहां से सांसद व एक बार फरेंदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जनता दल के टिकट पर कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र सिंह को हराया था।

2009 के आम चुनाव में उन्हें कांग्रेस के टिकट पर फिर विजय मिली। इस चुनाव में उन्होंने बसपा प्रत्याशी गणेश शंकर पांडेय को हराया था। चुनाव में हर्षवर्धन को तीन लाख पांच हजार 474 मत मिले थे, दूसरे स्थान पर गणेश शंकर पांडेय को एक लाख 81 हजार 846 से संतोष करना पड़ा।


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