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सपा-कांग्रेस ने गिनाए प्लस प्वाइंट तो भाजपा ने उठा दिए सवाल, अखिलेश-राहुल की सभाओं में हंगामे पर चढ़ा सियासी पारा

राहुल गांधी व अखिलेश यादव की चुनावी जनसभाओं में भीड़ के हंगामे को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। सपा और कांग्रेस सभाओं में हंगामे को युवाओं का उत्साह व भाजपा के प्रति गुस्सा बता रही हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हंगामे पर सपा को घेरते हुए उसके आचरण पर ही सवाल उठा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Wed, 22 May 2024 11:43 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2024 11:43 PM (IST)
सपा-कांग्रेस ने गिनाए प्लस प्वाइंट तो भाजपा ने उठा दिए सवाल।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राहुल गांधी व अखिलेश यादव की चुनावी जनसभाओं में भीड़ के हंगामे को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। सपा और कांग्रेस सभाओं में हंगामे को युवाओं का उत्साह व भाजपा के प्रति गुस्सा बता रही हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हंगामे पर सपा को घेरते हुए उसके आचरण पर ही सवाल उठा रहे हैं। 

मोदी मानते हैं कि जनसभाओं में पैसे लेकर आने वाले हंगामा ही करेंगे तो योगी सपा के संस्कार पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि सपा व कांग्रेस के लोग तो अपने ही नेताओं को धक्का देकर गिरा दे रहे हैं। 

घेरा तोड़ने की घटनाएं बनी सियासी मुद्दा

उत्तर प्रदेश में बीते दिनों अलग-अलग स्थानों पर हुई जनसभाओं में बेकाबू भीड़ के हंगामे व सुरक्षा घेरा तोड़ने की घटनाएं सियासी मुद्दा बन गई हैं। 19 मई को राहुल गांधी व अखिलेश यादव की इलाहाबाद व फूलपुर लोकसभा क्षेत्र की चुनावी जनसभा के बाद अगले दिन संत कबीर नगर व 21 मई को आजमगढ़ के लालगंज में अखिलेश की जनसभा में बेकाबू हुई भीड़ के हंगामे के अलग-अलग निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। भाजपा नेता इसे सस्ती लोकप्रियता व संस्कारों में कमी तथा गुंडागर्दी के रूप में देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रावस्ती में आयोजित जनसभा में अखिलेश और राहुल की सभाओं में उपद्रव और तोड़फोड़ की घटनाओं पर चुटकी लेते हुए कहा कि पैसे लेकर रैली में आने वाले हंगामा ही करेंगे। 

यही समाजवादी पार्टी का संस्कार: योगी

वहीं, बुधवार को कादीपुर व जौनपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा के समर्थकों का संस्कार इसी से पता चलता है कि वह मंच और सभाओं में धक्का-मुक्की कर हैं। ये गुंडे सत्ता में आकर क्या करेंगे, अभी इनके मंच टूट रहे हैं तो आगे क्या होगा। सपा में रोज भगदड़, मारपीट, अराजकता व नूराकुश्ती दिख रही है। यही समाजवादी पार्टी का संस्कार हो गया है।

जनसभा में भीड़ के हंगामे को लेकर फूलपुर से सपा प्रत्याशी अमरनाथ सिंह मौर्य व एमएलसी डाॅ. मान सिंह यादव का कहना है कि प्रशासन ने जनसभा स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध नहीं किए थे, जिसकी वजह से अपने नेता को देखकर भीड़ अनियंत्रित हो गई। 

कांग्रेस के शहर अध्यक्ष प्रदीप मिश्र अंशुमन का कहना है कि पर्याप्त पुलिसकर्मियों को न लगाने की वजह से अव्यवस्था हुई थी। आजमगढ़ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह का कहना है कि लोगों का उत्साहित होना ठीक है, लेकिन जोश में होश बनाए रखना चाहिए। 

सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव का कहना है कि नौजवानों का अखिलेश के प्रति बहुत लगाव है। बेरोजगार युवकों के हुजूम को अखिलेश से आशाएं हैं। इसमें भाजपा के प्रति नाराजगी का भाव भी छिपा हुआ है।

सभी जनसभा स्थलों पर सुरक्षा के मानकों के हिसाब से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाती है। स्थानीय स्तर पर प्रशासन जनसभा से पहले आयोजकों के साथ बैठक करके उन्हें सारी जानकारी देता है। जिन सभाओं में हंगामे की घटनाएं हुई हैं, वहां भी यही किया गया था। जनसभा स्थल पर डी बनाने से लेकर बैरिकेडिंग करने का काम पार्टियों का है। तीनों ही घटनाओं में बिगड़े हालात को पुलिस ने ही नियंत्रित किया है।

-प्रशांत कुमार, डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था)

दूसरे दिन भी भीड़ बेकाबू, पुलिस ने भांजी लाठियां

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में अनुशासनहीन कार्यकर्ताओं की लगातार अराजकता के कारण असहज स्थिति उत्पन्न हो रही है। आजमगढ़ में ही एक दिन पहले मंगलवार को सरायमीर के खरेवां में कुछ कार्यकर्ताओं ने जमकर उपद्रव मचाया था। 

इसकी चर्चा अभी थमी भी न थी कि अगले ही दिन बुधवार को बिलरियागंज बघैला व मुबारकपुर के बेठौली में आयोजित दो जनसभाओं में कार्यकर्ता फिर बेकाबू हो गए। बैरिकेडिंग तोड़कर मंच की तरफ बढ़ रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोकना चाहा तो उन पर भी ईंट-पत्थर चलाए गए। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं। इतना उपद्रव देख कई कार्यकर्ता सभा छोड़कर चले गए।

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