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Varanasi News: एटीएम में फेवीक्विक लगा रुपये उड़ा देते थे ये बदमाश, एसओजी ने किया गिरफ्तार

शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व सर्विलांस की मदद से बदमाशों को सनबीम वरुणा स्कूल के पास से गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान बिहार के गया निवासी सुजीत कुमार गुलशन कुमार और अभिषेक कुमार के रूप में हुई इनके पास से अलग-अलग बैंकों के 13 एटीएम कार्ड एटीएम स्वाइप मशीन रेनाल्ट ट्राइबर कार चार मोबाइल फोन व फेवीक्विक बरामद किया।

By devendra nath singh Edited By: Vivek Shukla Published: Thu, 09 May 2024 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2024 03:33 PM (IST)
एसओजी की गिरफ्त्त में तीनों आरोपी बदमाश। जागरण

जागरण संवाददाता, वाराणसी। एटीएम कार्ड बदलकर व उसे मशीन फंसाकर ठगी करने वाले तीन बदमाशों को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए तीनों बदमाश बिहार के रहने वाले हैं और कार से वाराणसी आकर घटना को अंजाम देते थे। एसओजी तीन महीने से इनके पीछे लगी हुई थी। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व सर्विलांस की मदद से उन्हें पकड़ लिया।

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पकड़े गए बदमाशों के बारे में एडीसीपी क्राइम सरवणन टी ने बताया कि एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने वाले बदमाशों ने कई वारदात को अंजाम दिया था। उनको गिरफ्तार करने के लिए एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्रा को उनकी टीम सब इंस्पेक्टर गौरव कुमार सिंह, कांस्टेबल मनीष कुमार बघेल, अंकित मिश्रा, आलोक मौर्या, प्रेमशंकर पटेल के साथ लगाया गया था।

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टीम ने शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व सर्विलांस की मदद से बदमाशों को सनबीम वरुणा स्कूल के पास से गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान बिहार के गया निवासी सुजीत कुमार, गुलशन कुमार और अभिषेक कुमार के रूप में हुई इनके पास से अलग-अलग बैंकों के 13 एटीएम कार्ड, एटीएम स्वाइप मशीन, रेनाल्ट ट्राइबर कार, चार मोबाइल फोन व फेवीक्विक बरामद किया।

पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि सबसे पहले ऐसे एटीएम की तलाश करते हैं जहां गार्ड नहीं होते हैं। वहां कोई रुपये निकालने आता जो कम जानकार होता था तो मदद करने के बहाने उसका कार्ड बदल देते और पिन की जानकारी लेकर रुपये निकाल लेते थे। कई बार एटीएम में कार्ड लगानी वाली जगह पर फेवीक्विक लगा देते थे। कोई अपना कार्ड लगाता तो फंस जाता था।

उसे मदद बुलाने के लिए भेजकर पिलास की मदद से कार्ड खींचकर बाहर निकाल लेते हैं और वहां से चले जाते थे। दूसरे एटीएम में जाकर कार्ड का इस्तेमाल करके रुपये निकाल लेते थे। बदमाशों के पास कार्ड स्वाइप मशीन भी थी जिसकी मदद से रुपये अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लेते है। इन्होंने स्वाइप मशीन किराए पर लिया था। जिससे मशीन लिया तो उसे भी हिस्सा देते थे।

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एसओजी ने तीन महीने में खंगाला तीन सौ कमरे

पकड़े गए बदमाशों ने बीते जनवरी माह में कचहरी स्थित एसबीआइ बैंक के एटीएम फेवीक्विक लगाकर एक व्यक्ति का एटीएम कार्ड चुराकर उसके बैंक खाते से रुपये उड़ा दिए थे। कैंट थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद एसओजी ने जांच के दौरान एटीएम व उसके आसपास लगे कैमरों की फुटेज को खंगाला तो उसमें बदमाश और उनकी कार कैद हो गई थी।

इसके बाद पुलिस शहर में लगे अन्य कैमरों की मदद से उनका पीछा करती हुई बिहार तक जा पहुंची थी। इस दौरान सर्विलांस की मदद से एसओजी ने उनका मोबाइल नंबर भी हासिल कर लिया। इसके बाद लगातार उनपर नजर बनाए हुए थे। वारदात को अंजाम देने के लिए बदमाश कुछ दिनों पहले फिर वाराणसी पहुंचे थे।

भोजूबीर चौराहा स्थित एक्सिस बैंक के एटीएम में फेवीक्विक लगा दिया था। चोलापुर के राजपुर की रहने वाली सुमन पाठक रुपये निकालने पहुंची तो उनका कार्ड ही फंस गया। इसे हासिल करके बदमाशों ने उनके बैंक खाते से 23 हजार रुपये निकाल लिए थे।

कई प्रदेशों में कर चुके वारदात

एसओजी को पता चला कि पकड़े गए बदमाश पिछले तीन साल से अपनी कार से वाराणसी ही नहीं दूसरे शहरों में भी जाकर वारदात को अंजाम देते थे। उन्होंने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा आदि राज्यों में कई घटनाएं की। वाराणसी में सुंदरपुर सारनाथ, पहड़िया , गिलट बाजार में कई एटीएम में फेवीक्विक लगाकर धोखाधड़ी की कोशिश की थी।

बरतें जरा सावधानी

एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्रा के अनुसार धोखाधड़ी से बचने के लिए ऐसे एटीएम में जाने बचना चाहिए जिसमें गार्ड न हों या सूनसान स्थान पर हों। किसी अनजान से रुपये निकालने के लिए मदद नहीं लेनी चाहिए। एटीएम में कार्ड फंस जाता है तो उसे ऐसे ही नहीं छोड़े। वहां मौजूद बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर इसकी जानकारी देकर कार्ड को ब्लाक करा सकते हैं। जरूरत होने पर पुलिस की मदद भी ले सकते हैं।


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