'दलितों-पिछड़ों की विरोधी है कांग्रेस, राहुल ने स्वयं स्वीकारा', शिवराज सिंह ने कर TMC पर भी किया पलटवार
सिस्टम को पिछड़ी जातियों के खिलाफ बताकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की लेकिन भाजपा अब उन्हीं के हथियार से पलटवार कर रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भाजपा हमेशा कहती थी कि कांग्रेस गरीब दलित आदिवासी और पिछड़ों की विरोधी है अब इसे स्वयं राहुल गांधी ने स्वीकार कर लिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सिस्टम को पिछड़ी जातियों के खिलाफ बताकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन भाजपा अब उन्हीं के हथियार से पलटवार कर रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भाजपा हमेशा कहती थी कि कांग्रेस गरीब, दलित, आदिवासी और पिछड़ों की विरोधी है, अब इसे स्वयं राहुल गांधी ने स्वीकार कर लिया है।
शिवराज ने पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यकों को दिए गए ओबीसी आरक्षण को रद्द किए जाने के कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्णय को भी हमले का आधार बनाया और कहा कि तुष्टिकरण ही कांग्रेस और टीएमसी जैसी पार्टियों का खुराक-पानी है, इसके बिना यह पार्टियां एक दिन भी नहीं चल सकतीं।
राहुल गांधी ने बड़ा सच स्वीकार किया- शिवराज
नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "कल (बुधवार को) राहुल गांधी ने बड़ा सच स्वीकार किया है। स्वयं कहा कि पूरा सिस्टम लोअर कास्ट के खिलाफ है। मैं अंदर रहकर सिस्टम को देख चुका हूं। मतलब पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और बाद में मनमोहन सिंह के सिस्टम को राहुल गांधी ने अंदर रहकर देखा है।"
कांग्रेस ने जो किया, वह किसी से छिपा नहीं
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कब तक गरीबों और पिछड़ा वर्ग के खिलाफ अन्याय करेगी? कांग्रेस ने जो किया, वह किसी से छिपा नहीं है। 40 साल तक पिछड़ा वर्ग आयोग को सांविधानिक मान्यता नहीं दी। यह काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। कांग्रेस ने तो हमेशा इन वर्गों के हक पर डाका डाला। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में ओबीसी का हक मारकर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने का पाप किया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया में भी ओबीसी, दलित का आरक्षण खत्म करने का पाप किया।
आंबेडकर ने कांग्रेस का कदम-कदम पर विरोध किया
शिवराज सिंह ने दावा किया कि बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर ने कांग्रेस का कदम-कदम पर विरोध किया। उन्हें चुनाव हराने के लिए रोड़े अटकाए। इसके अलावा पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को तो जीवित रहते ही भारत रत्न मिल गया था, लेकिन बाबा साहेब को भारत रत्न तब मिला, जब भाजपा के समर्थन से केंद्र में सरकार बनी।
वोटबैंक की राजनीति पर हाईकोर्ट का तमाचा
बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए शिवराज ने प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि सिर्फ अपने वोटबैंक को बनाए रखने के लिए ओबीसी का आरक्षण छीनकर एक विशेष धर्म के लोगों को देना क्या न्यायसंगत है? पश्चिम बंगाल में ममता की वोटबैंक की राजनीति पर हाईकोर्ट ने तमाचा मारा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2010 के बाद से अल्पसंख्यकों को जो ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किए थे, वह रद्द करने का निर्णय सुनाया है।
ममता बनर्जी की कलई खुल गई
सत्ता संभालते ही ममता ने बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के ओबीसी प्रमाण पत्र बना दिए थे। 118 जातियों को ओबीसी श्रेणी में बिना किसी नियम का पालन करते हुए डाल दिया। इसे हाईकोर्ट ने असांविधानिक बताते हुए रद्द करने का निर्णय सुनाया है। भाजपा ने वरिष्ठ नेता ने कहा कि ममता बनर्जी की कलई खुल गई है, लेकिन तुष्टिकरण पर उतारू ममता निर्णय को मानने की बजाए कह रही हैं कि मैं इसे नहीं मानती। क्या वह संविधान के ऊपर हैं? यह अहंकार और अराजकता की पराकाष्ठा है।
उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देने वाले को सीएम के पद पर एक दिन भी रहने का अधिकार नहीं है। देश की जनता भी सच देख रही है। कांग्रेस और आईएनडीआईए की तुष्टिकरण की नीति सामने आ चुकी है।
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