Move to Jagran APP

Medical Collage In Dhandbad : धनबाद के इस मेडिकल कॉलेज में होगी PG की पढ़ाई, 10 साल का इंतजार हुआ खत्म

Medical Collage In Dhandbad झारखंड के धनबाद जिले के मेडिकल स्टूडेंट के लिए अच्छी खबर है। यहां के छात्र-छात्राओं को अब पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए एक और सुविधा मिलने जा रही है। दरअसल नेशनल मेडिकल कमीशन ने यहां के एक मेडिकल कॉलेज को पीजी की पढ़ाई कराने की मान्यता दे दी है। इससे आने वाले समय में छात्र-छात्राओं को लाभ होगा।

By Mohan Kumar Gope Edited By: Yogesh Sahu Published: Wed, 22 May 2024 04:43 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2024 07:33 PM (IST)
Medical Collage Dhandbad : धनबाद के इस मेडिकल कॉलेज में होगी PG की पढ़ाई, 10 साल का इंतजार हुआ खत्म

जागरण संवाददाता, धनबाद। Dhanbad Medical Collage : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) को 10 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) पाठ्यक्रम चलाने की मान्यता मिल गई। बुधवार की सुबह मेडिकल कॉलेज के लिए यह खुशखबरी लेकर आई।

नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने कॉलेज प्रबंधन को मेडिसिन विभाग के लिए 6 सीटों पर पीजी पढ़ाई की अनुमति दी। इसकी सूचना कमिशन ने कॉलेज प्रिंसिपल डा. ज्योति रंजन प्रसाद को ई-मेल के माध्यम से दी है।

ई-मेल आने के बाद कॉलेज परिसर में खुशी का माहौल है। वहीं, अभी तक हड्डी रोग, सर्जरी और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के लिए अंतिम निर्णय नहीं आया है। जबकि, बायोकेमेस्ट्री और पैथोलाजी के लिए कमिशन ने मनाही कर दी है। यह दोनों ही विभाग मान्यता के पैमाने पर खरे नहीं उतरे हैं।

पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई के लिए मेडिकल कॉलेज वर्ष 2013-14 से कोशिश करता आया है। लेकिन कभी भी मान्यता नहीं मिल पाई। पोस्ट ग्रेजुएट की यह पढ़ाई 2024-25 सत्र से ही शुरू हो जाएगी। इस वर्ष सात विषयों (मेडिसिन, सर्जरी, हड्डी रोग, गायनी, पैथोलाजी, बायोकेमिस्ट्री, एनेस्थेसिया) के पीजी के लिए आवेदन किया था।

2017 से 40 करोड़ का भवन बनकर तैयार

पीजी की पढ़ाई के लिए कॉलेज परिसर में 40 करोड़ रुपये की लागत से पीजी ब्लॉक और छात्रावास का निर्माण कराया गया। यह भवन भी पांच वर्षों से बनकर तैयार है। हालांकि, अभी एक ही विषय में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की अनुमति मिल पाई है, प्रबंधन कुछ और विषयों में उम्मीद लगाए बैठा है।

पीजी से क्या होगा फायदा

पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई शुरू होने से धनबाद में ही विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार होने लगेंगे। रिम्स रांची और एमजीएम जमशेदपुर की तरह धनबाद भी पीजी की पढ़ाई की लिस्ट में आ गया है।

पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई करने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों को स्वास्थ्य केंद्रों अथवा मेडिकल कॉलेज में सेवा देने का मौका मिलेगा।

इसका सीधा फायदा आम मरीजों को मिल पाएगा। एमबीबीएस पढ़ाई के बाद 2 वर्ष के लिए पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई करनी होती है। इसमें डॉक्टर विशेषज्ञता हासिल करते हैं।

वर्ष 2017 में 12 लाख रुपये खर्च, टीम पहुंची, मान्यता नहीं मिली

कॉलेज प्रबंधन ने 14 अप्रैल 2017 को छह विषयों (फार्माकोलाजी, पैथोलाजी, पीएसएम, सर्जरी, गायनी व एनेस्थेसिया) के लिए एनएमसी को 12 लाख रुपये फीस दी थी।

यहां पर एनएमसी की टीम ने डॉ. विवेक व डॉ. सुजीत को निरीक्षण के लिए भेजा। परंतु, पीजी बिल्डिंग, पीजी छात्रावास नहीं बना था, शिक्षकों की संख्या कम थी, इन कारणों की वजह से तब मान्यता नहीं मिल पाई थी। ऐसे में यह फीस बेकार चली गई।

2014 में शुरू हुआ आवेदन, 32 लाख रुपये पानी में बहे

वर्ष 2014 में एसएनएमएमसीएच प्रबंधन ने बिना पर्याप्त संसाधन व तैयारी के ही पीजी के लिए आवेदन कर दिया था। 16 विषयों के लिए आवेदन में एनएमसी को लगभग 32 लाख रुपये फीस दिए गए थे।

निरीक्षण के बाद एमसीआई ने कुछ न कुछ कमी पाई थी, इस कारण मान्यता नहीं मिली। ऐसे में प्रबंधन के 32 लाख रुपये की फीस एक बार फिर निरर्थक रही।

पीजी की पढ़ाई शुरू होना काफी खुशी की बात है। सरकार व विभाग के वरीय अधिकारियों ने इसके लिए काफी काम किए हैं। मेडिसिन के अलावा हड्डी रोग, सर्जरी व स्त्री व प्रसूति में भी उम्मीद है। - डॉ. ज्योति रंजन प्रसाद, प्रिंसिपल, एसएनएमएमसीएच

यह भी पढ़ें

अब RIMS में आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों को इलाज के लिए नहीं देना होगा पैसा, योजना के तहत मिलेगी हर सुविधा

FSO Exam 2024 को लेकर आया बड़ा अपडेट! इस दिन होगी परीक्षा, इंटरव्यू की भी डेट जारी


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.