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दूसरी जाति के लोगों ने रोकी बुजुर्ग की शव यात्रा, बेटे ने फोन कर बुला ली पुलिस- इसके बाद जो हुआ...

शव यात्रा में बैंड बाजा भी था। चूंकि मृत्यु बुजुर्ग की हुई है तो अंतिम यात्रा ऐसे ही निकाली जाती है। उधर इसका विरोध गांव के ही दूसरे जाति (यादव) के लोगों ने विरोध कर दिया। इससे मौके पर हंगामे जैसी स्थिति बन गई। इसी बीच मृतक के पुत्र विजय सिंह ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने गांव में आकर मामला संभाला।

By Raghvendra Chandra Shukla Edited By: Mohammed Ammar Published: Fri, 24 May 2024 09:26 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 09:26 PM (IST)
धनारी में दूसरी जाति के लोगों ने रोकी बुजुर्ग की शव यात्रा

जासं, संभल : बैंड बाजे के साथ शवयात्रा निकालने का दूसरे जाति के लोगों ने विरोध किया। इस पर पीड़ित ने पुलिस बुला ली। धनारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे सीओ ने किसी तरह मामला शांत कराया। इसके बाद शव यात्रा निकलवाई गई। फिर जाकर अंतिम संस्कार किया गया। गुरुवार को ग्राम सिंहपुर निवासी सोरन सिंह का बीमारी के कारण निधन हो गया था। शुक्रवार को उनकी विमान यात्रा (शव यात्रा) निकाली जा रही थी।

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शव यात्रा में बैंड बाजा भी था। चूंकि मृत्यु बुजुर्ग की हुई है तो अंतिम यात्रा ऐसे ही निकाली जाती है। उधर, इसका विरोध गांव के ही दूसरे जाति (यादव) के लोगों ने विरोध कर दिया। इससे मौके पर हंगामे जैसी स्थिति बन गई। इसी बीच मृतक के पुत्र विजय सिंह ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने गांव में आकर मामला संभाला। सीओ बहजोई दीपक कुमार ने बताया दोनों पक्षों से वार्ता की गई। जैसे शव यात्रा वह निकालना चाह रहे थे वैसे ही निकला है।

मामले की जांच की जा रही है। कहा कि व्यवस्था बनाई जा रही है कि आगे से ऐसी घटना न हो। दोनों पक्षों में हुआ समझौता बहजोई: शव यात्रा में बैंड बाजा का विरोध करने के मामले में जैसे ही पुलिस से शिकायत की गई तो गांव के अन्य लोग भी मध्यस्थ बनाकर सामने आए।

दोपहर में दिए गए शिकायती पत्र के बाद शाम को गांव के ही लोगों ने निर्णय लिया कि शव यात्रा निकाले जाने के दौरान कोई नई परंपरा नहीं मानी जाएगी। इस दौरान किसी भी कानूनी कार्रवाई न करने पर भी सहमति बनी। थाना प्रभारी नरेश कुमार सिंह ने बताया कि दोनों ही पक्षों ने स्वेच्छा से समझौता किया और कार्रवाई करने से इन्कार किया है।

पहले कभी नहीं हुआ ऐसा विवाद 

ग्रामीणों का मानना है कि गांव में किसी भी कार्यक्रम या आयोजन को लेकर पूर्व में ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ है और न ही किसी जाति के लोगों ने विरोध किया है। ग्रामीण कमल सिंह बताते हैं शुक्रवार को शव यात्रा निकाली जाने के दौरान कुछ ही लोगों ने नई परंपरा डालने का विरोध जताया था, हालांकि जब उन्हें बाद में समझाया गया कि शव यात्रा कोई नई परंपरा नहीं होती है, बल्कि शादी विवाह जैसा ही एक आयोजन होता है। इसके बाद दोनों पक्षों में कोई बात नहीं हुई।


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