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Smart Prepaid Bijli Meter: प्रीपेड मीटर को लेकर आया नया निर्देश, अब रुपये न हों, तब भी तीन दिन तक निर्बाध मिलती रहेगी बिजली

बिजली निगम उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर की विशेषता के बारे में बताने में जुटा है। निगम के निदेशक वाणिज्य अमित कुमार श्रीवास्तव ने सभी डिस्काम के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर मीटर के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी है। कहा कि निगम के साफ्टवेयर में हर वर्ष के सार्वजनिक व राष्ट्रीय अवकाश की पूरी सूचना दर्ज कर ली जाएगी।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Mon, 06 May 2024 02:40 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 02:40 PM (IST)
बैलेंस न होने के बाद भी बिजली आपूर्ति मिलती रहेगी।

 जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर-बस्ती मंडल के 34 लाख उपभोक्ताओं के परिसर में लगने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर के प्रयोग के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। मीटर में बैलेंस न होने के बाद भी तीन दिनों तक शाम छह बजे से सुबह आठ बजे तक बिजली मिलती रहेगी। साथ ही सार्वजनिक या राष्ट्रीय अवकाश, रविवार व माह के द्वितीय शनिवार को बैलेंस न होने के बाद भी बिजली आपूर्ति मिलती रहेगी।

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बिजली निगम उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर की विशेषता के बारे में बताने में जुटा है। निगम के निदेशक वाणिज्य अमित कुमार श्रीवास्तव ने सभी डिस्काम के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर मीटर के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी है। कहा कि निगम के साफ्टवेयर में हर वर्ष के सार्वजनिक व राष्ट्रीय अवकाश की पूरी सूचना दर्ज कर ली जाएगी।

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यदि तीन दिन की छूट के बाद सार्वजनिक या राष्ट्रीय अवकाश, रविवार या माह का दूसरा शनिवार है तो बिजली अगले दिन काटी जाएगी।

ऐसे जमा करेंगे बकाया

स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगते समय पुराने मीटर की रीडिंग के आधार पर परिसर में बकाया राशि जमा कराने की भी नियमावली भी जारी कर दी गई है। इसे ऐसे समझें-किसी उपभोक्ता के परिसर में दो किलोवाट क्षमता का बिजली कनेक्शन है। एक अप्रैल को मीटर रीडिंग के आधार पर उसका एक हजार रुपये बिल बना है।

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परिसर में इसके पहले का बकाया 10 हजार रुपये है। 15 अप्रैल को उपभोक्ता के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाता है। इन 15 दिनों का बिल 500 रुपये बनता है। यानी प्रीपेड मीटर लगने के दिन बकाया 11,500 रुपये हो जाता है।

उपभोक्ता की ओर से जमा प्रतिभूति धनराशि 700 रुपये का समायोजन करने के बाद उपभोक्ता पर बकाया 10 हजार 800 रुपये होगा। बकाया जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। यदि वह रुपये नहीं जमा करेंगे तो बकाये पर अधिभार लगेगा।


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