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Tihar Jail News: तिहाड़ को मिलने वाले हैं नए डीजी, साउथ एशिया की सबसे बड़ी जेल से जुड़ी ये हैं दिलचस्प बातें

तिहाड़ जेल साउथ एशिया की सबसे बड़ी और सुरक्षित जेलों में शुमार है। यहां कई कुख्यात गैंगस्टरों को रखा गया है। जेल में सुरक्षा को लेकर चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे और पुलिसकर्मियों की तैनात के दावे किए जाते हैं लेकिन जेल के अंदर खुलेआम गैंगवार में हत्या होने लगी है। साथ ही जेल से मोबाइल के जरिये रंगदारी रैकेट सहित संगीन आपराधिक वारदात को अंजाम दिया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Published: Tue, 30 Apr 2024 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 01:44 PM (IST)
Tihar Jail News: तिहाड़ को मिलने वाले हैं नए डीजी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साउथ एशिया की सबसे बड़ी और सुरक्षित जेल मानी जाने वाली तिहाड़ के वर्तमान महानिदेशक संजय बेनीवाल आज यानी 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में तिहाड़ का नया महानिदेशक बनने के लिए अधिकारियों ने जोर आइमाइश शुरू कर दी है।

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तिहाड़ जेल में फैली अव्यवस्था में सुधार के लिए तेजतर्रार अधिकारी की जरूरत है। माना जा रहा था 29 अप्रैल तक डीजी का चयन कर लिया जाएगा, लेकिन देर रात तक गृह मंत्रालय से सूची जारी न करने से अब 30 अप्रैल को ही इस पर कोई निर्णय होगा।

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तिहाड़ जेल में हैं क्षमता से अधिक कैदी

दिल्ली में तीन जेल परिसर हैं, एक तिहाड़ है जो दुनिया के सबसे बड़े जेल परिसरों में से है, जिसमें नौ केंद्रीय जेलें शामिल हैं। दूसरा रोहिणी में और तीसरा मंडोली में है जिसमें 6 केंद्रीय जेलें हैं। इन जेलों में 10026 कैदियों को रखने की क्षमता है जबिक यहां स्वीकृत क्षमता से ज्यादा लगभग 19500 कैदी हैं।

बीते कुछ सालों में जेलों में कैदियों की आबादी में लगातार बढ़ोतरी हुई है। तिहाड़ जेल में भीड़ कम करने के लिए मंडोली जेल परिसर का निर्माण शुरू किया गया है। इसके साथ ही नरेला और बापरोला में नई जेलों के निर्माण का भी प्रस्ताव है।

तिहाड़ जेल का इतिहास

दिहाड़ जेल की आधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ष 1958 से पहले राजधानी के दिल्ली गेट इलाके में एक छोटी सी जेल हुआ करती थी। 1958 में ही जेल को दिल्ली गेट से नई दिल्ली के पश्चिमी भाग में तिहाड़ गांव की भूमि पर सिफ्ट कर दिया गया था। शुरू के दिनों में इसमें एक सेंट्रल जेल थी। जिसमें शुरुआत में 1273 कैदियों की रहने की क्षमता थी।

पहले पंजाब सरकार के पास था नियंत्रण

पहले दिल्ली की जेल का प्रशासनिक नियंत्रण पंजाब सरकार के पास था। वर्ष 1966 में यह अधिकार दिल्ली प्रशासन को ट्रांसफर कर दिया गया था। वर्तमान में दिल्ली की जेलों को नए दिल्ली जेल मैनुअल (2018) के अनुसार संचालित किया जा रहा है, जिसका मसौदा जनवरी 2019 में लागू हुआ था।

मार्च 1986 तक दिल्ली जेल के महानिरीक्षक के लिए कोई पूर्ण पद नहीं था। यह काम अतिरिक्त रूप से उप महानिदेशक द्वारा किया जाता था। 1986 में तिहाड़ जेल के महानिरीक्षक का पद सृजित किया गया और इसका नेतृत्व एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के हाथ में दिया गया।

इसके बाद जैसे-जैसे जेलों में कैदियों की संख्या बढ़ती गई वैसे नई जेल बनाई गई। साथ ही आवश्यकता महसूस होने पर विभाग का नेतृत्व करने के लिए अतिरिक्त महानिदेशक और महानिदेशक का पद सृजित किया गया।

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तिहाड़ जेल में हैं हाई-प्रोफाइल लोग

आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ की जेल नंबर 2 में हिरासत में रखा गया है। सुरक्षा को लेकर यहां सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी रखी जा रही है।

वहीं, दिल्ली के पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया को जेल नंबर 1 में रखा गया है और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन जेल नंबर 7 में हैं। इसके अलावा बीआरएस नेता के. कविता को जेल नंबर 6 में रखा गया है। मालूम हो कि सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह हिरासत में हैं।


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