Heat Action Plan: दिल्ली में भीषण गर्मी के दौरान दोपहर में नहीं चलेंगे स्कूल, हीट एक्शन प्लान में सरकार उठाएगी ये कदम
हीट एक्शन प्लान (एचएपी) के अनुसार भीषण गर्मी के दौरान दिल्ली में स्कूलों के समय में बदलाव किया जाएगा। दोपहर के समय कोई स्कूल नहीं चलेगा। पानी के गैर-जरूरी इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी। स्वास्थ्य सुविधाओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान की जाएगी। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा तैयार दिल्ली के पहले एचएपी को सरकार ने स्वीकृति दे दी है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। हीट एक्शन प्लान (एचएपी) के अनुसार भीषण गर्मी के दौरान दिल्ली में स्कूलों के समय में बदलाव किया जाएगा। दोपहर के समय कोई स्कूल नहीं चलेगा। पानी के गैर-जरूरी इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी। स्वास्थ्य सुविधाओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान की जाएगी।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा तैयार दिल्ली के पहले एचएपी को सरकार ने स्वीकृति दे दी है। घर को अंदर से ठंडा रखने में मदद के लिए पहचाने गए क्षेत्रों में डीडीएमए छतों को सफेद रंग से पेंट करने के लिए एक पायलट परियोजना की भी योजना बना रहा है।
जल्दी ही की जाएगी बैठक
डीडीएमए के अनुसार, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जल्द ही इसके क्रियान्वयन को लेकर बैठक की जाएगी। क्रियान्वयन में सभी विभागों की अलग-अलग भूमिका होगी। मंडल आयुक्त या डीडीएमए के विशेष मुख्य कार्याधिकारी प्रदेश स्तर पर इसके नोडल अधिकारी होंगे। डीएम जिला स्तर जबकि उपायुक्त एमसीडी के स्तर पर मोर्चा संभालेंगे।
दिल्ली में रहती है बड़ी आबादी
दिल्ली भारत के सबसे गर्म शहरों में से एक है और अपनी बड़ी आबादी और निम्न-आय समूहों के कारण लू के प्रति सबसे संवेदनशील शहरों में से एक है। दिल्ली एचएपी स्थानीय आबादी को रंग-कोडित अलर्ट जारी करने के लिए अगले सात दिनों के पूर्वानुमान को लिए मौसम विभाग पर निर्भर है।
अलर्ट के तीन रंग
जब अधिकतम तापमान सामान्य तापमान से कम से कम छह डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाएगा तो ''रेड अलर्ट'' शुरू हो जाएगा। यदि अधिकतम तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक है तो ''आरेंज अलर्ट'' जारी किया जाएगा, जबकि 0 से 3.9 डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर ''येलो अलर्ट'' दिया जाएगा।
तीन चरणों में लागू होगा हीट एक्शन प्लान
यह हीट एक्शन प्लान तीन चरणों में लागू किया जाएगा। चरण एक (गर्मी से पहले का मौसम - फरवरी और मार्च) आम जनता, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और स्वैच्छिक समूहों को अलर्ट जारी करने के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और एक संचार योजना विकसित करने के लिए समर्पित है।
दूसरा चरण (मार्च से जुलाई) के बीच मंदिरों, सार्वजनिक भवनों, माल और अस्थायी रात्रि आश्रयों सहित "कूलिंग सेंटर" को बाहरी श्रमिकों, झुग्गी समुदायों और अन्य कमजोर आबादी को गर्मी के जवाब में छायादार क्षेत्रों तक पहुंच प्रदान करने के लिए सक्रिय किया जाएगा।
पेयजल किल्लत गैर-आवश्यक जल उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। गरीब और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में पानी के पाउच उपलब्ध कराए जाएंगे। शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि जब लू की घोषणा की जाए तो "स्कूल दोपहर 12 से अपराहन तीन बजे के दौरान काम नहीं करेंगे।"
हीट एक्शन प्लान में निर्माण स्थलों, बस स्टॉप और अन्य सार्वजनिक स्थानों विशेष रूप से गर्मियों में रैलियों जैसे कार्यक्रमों के दौरान ओआरएस प्रदान करने की सिफारिश की गई है। इसमें कहा गया है कि रेड और ऑरेंज अलर्ट में अनुरोध पर झुग्गी-झोपड़ियों में पानी के टैंकर उपलब्ध कराए जाएंगे। रैन बसेरे पूरे दिन खुले रहेंगे और आम जनता के साथ तापमान का पूर्वानुमान साझा करने के लिए प्रमुख स्थानों पर बड़े एलईडी डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे।
तीसरे चरण के तहत, जिसे जुलाई-सितंबर की अवधि में लागू किया जाएगा, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में ठंडक देने वाले विश्राम स्थल स्थापित किए जाएंगे और गर्मी वाले हॉटस्पॉट पर वृक्षारोपण किया जाएगा। नोडल अधिकारी हीट एक्शन प्लान की पहुंच और प्रभाव का मूल्यांकन करेंगे और जरूरत के अनुसार इसमें बदलाव भी करेंगे। सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया एवं राय के लिए संशोधित योजना अगले सीजन से पूर्व दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।