अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे से दिल्ली कांग्रेस में मची कलह, पार्टी को आज मिल सकता है कार्यवाहक अध्यक्ष
अरविंदर सिंह लवली के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद कांग्रेस में कलह मच गई है। लवली को पार्टी में ही पुराने साथियों का समर्थन भी मिल रहा है। इनमें से कई पूर्व विधायक दिल्ली में आप-कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन से नाराज हैं। इस बीच प्रदेश कांग्रेस को आज मंगलवार को कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर नया सिरमौर मिल सकता है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वरिष्ठ पार्टी नेता अरविंदर सिंह लवली के प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद कांग्रेस में मची कलह पर आरोप-प्रत्यारोप सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहे। हालांकि लवली को पार्टी में ही पुराने साथियों का समर्थन भी मिल रहा है। इनमें से कई पूर्व विधायक दिल्ली में आप-कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन से नाराज हैं। सोमवार शाम तक कांग्रेस के तीन दर्जन से अधिक पूर्व विधायक लवली से मुलाकात कर चुके हैं।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने लवली पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले यह साजिश रची है। चौधरी ने कहा कि लवली ने इस्तीफे का जो वक्त चुना, वो बहुत ही गलत रहा।
चौधरी ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि लवली ने पार्टी को ऐसे मोड़ पर ला कर खड़ा कर दिया कि उनका इस्तीफा मंजूर होना ही था। उन्होंने अनुशासनहीनता की हद पार कर दी है।’
खरगे से की लवली के खिलाफ कार्रवाई की मांग
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लवली के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। यही नहीं लवली के इस्तीफे पर उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार उदित राज ने भी कहा कि किसी के जाने आने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है, पार्टी बड़ी होती है व्यक्ति बड़ा नहीं होता।
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उन्होंने कहा कि पार्टी में केवल गुटबाजी, फ्रैंचाइजी सिस्टम, मेरा पार्षद, मेरा ब्लाक अध्यक्ष, मेरा पदाधिकारी हो…उससे क्या होता है। इससे आम कार्यकर्ता त्रस्त हो गया है। ये जो बिचौलिए थे, ये काम नहीं करते हैं बल्कि ये चेले पालते हैं। इसके कारण पार्टी के साथ कोई जुड़ नहीं रहा। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत से एआइसीसी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा पार्टी के भीतर अरविंदर सिंह लवली की पहुंच सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष तक थी।
ऐसे में चुनावों के दौरान उनके द्वारा उठाया गया कदम उनकी नीयत पर सवाल उठाता है। एक अन्य सवाल कि प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया पर जिस तरह से आरोप लगाए गए हैं तो क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी, के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान इस्तीफा देकर दिक्कतें लवली ने पैदा की तो कार्रवाई किसी और पर कभी सुना है क्या?
दिल्ली कांग्रेस को आज मिल सकता है कार्यवाहक अध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस को कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर नया सिरमौर मंगलवार को मिल सकता है। दरअसल, नामांकन के लिए प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह देना होता है। इसलिए किसी नेता को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाना जरूरी है। पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति में कुछ समय लग सकता है।
इसीलिए पार्टी फिलहाल कार्यवाहक अध्यक्ष के बारे में ही विचार कर रही है। शीला सरकार में मंत्री रहे डा. नरेन्द्र नाथ और हारून यूसुफ के नाम चल रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें, तो इसके अलावा चार-पांच वरिष्ठ नेताओं की एक समिति भी बनाई जा सकती है। इस निमित्त पूर्व प्रदेश अध्यक्षों से भी सलाह मशविरा किया जा रहा है। संभावना है कि मंगलवार को सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।