Amit Shah Fake Video: आठ राज्य के 16 लोगों को मिल चुका है नोटिस, X पर फेक वीडियो डालने वाले सभी को दिल्ली पुलिस भेजेगी...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने बताया है कि वह हर उस एक्स यूजर को नोटिस भेजेगी जिसने उक्त वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया हो। डीसीपी आईएफएसओ हेमंत तिवारी का कहना है कि पुलिस इनसे पूछताछ कर केवल यह जानने की कोशिश करेगी कि इन्हें फेक वीडियाे किसने दिया ताकि फेक वीडियो बनाने वाले शख्स पकड़ा जा सके।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस (आईएफएसओ) अब तक आठ राज्यों के 16 लोगों को पूछताछ में शामिल होने के लिए नाेटिस भेज चुकी है।
29 अप्रैल को आइएसएसओ ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी समेत तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश सचिव शिवा शंकर, पार्टी प्रवक्ता अस्मा तस्लीम, इंटरनेट मीडिया प्रभारी माने सतीश व इंटरनेट मीडिया कन्वेनर नवीन को पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस दिया है।
पांचों को हैदराबाद स्थित उनके घरों पर जाकर नोटिस दिया गया। इन्हें एक मई की सुबह 10.30 बजे द्वारका स्थित आइएफएसओ के मुख्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है।
अगर ये सभी बुधवार को पूछताछ में शामिल होने दिल्ली आएंगे तब इनसे पूछताछ की जाएगी, अन्यथा इन्हें दोबारा नोटिस भेजा जाएगा।
यह जानने की कोशिश करेगी दिल्ली पुलिस
डीसीपी आईएफएसओ हेमंत तिवारी का कहना है कि पुलिस इनसे पूछताछ कर केवल यह जानने की कोशिश करेगी कि इन्हें फेक वीडियाे किसने दिया। उस आधार पर पुलिस को फेक वीडियो बनाने वाले शख्स को पकड़ने में आसानी होगी।
आईएफएसओ की एक बड़ी टीम इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफार्म को देखकर यह पता करने की कोशिश कर रही है कि बीते 27 अप्रैल से किन-किन राज्यों में किन-किन लोगों ने अबतक एक्स पर पोस्ट किया है।
आठ राज्यों के जिन लोगों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजा गया है उनसे भी पुलिस जल्द पूछताछ करेगी। पुलिस फेक वीडियो पोस्ट करने वालों की पहचान करने व उन्हें नोटिस भेजने की कार्रवाई में जुटी हुई है।
पुलिस का कहना है कि तेलंगाना में 15 मई को चुनाव होने हैं। ऐसे में हो सकता है सीएम समेत पार्टी से जुड़े अन्य लोग जांच में शामिल न हो सकें और 15 दिनों का समय मांगें।
क्या कहती है सीआरपीसी की धारा 91 और 160
फेक वीडियो पोस्ट करने वाले को सीआरपीसी की धारा 91 व 160 के तहत नोटिस भेजा जा रहा है। सीआरपीसी 160 का मतलब होता है किसी केस की जांच के लिए पुलिस के पास अधिकार होता है कि वह किसी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेज सकती है साथ ही सीआरपीसी 91 के तहत लोगों को दस्तावेज अथवा अन्य इलेक्ट्रॉनिक गजट पेश करने के लिए कहा जाता है।
पुलिस को शक है कि कांग्रेस के आईटी सेल के किसी शख्स ने ही जानबूझ कर व साजिश के तहत भाजपा को बदनाम करने व मतदाताओं को गुमराह के मकसद से फेक वीडियो बनाया है। उसे पुलिस हर हाल में गिरफ्तार कर लेगी।
असम पुलिस ने फेक वीडियाे मामले में जिस रीतम सिंह को हिरासत में रखा है वह कांग्रेस कार्यकर्ता है और पार्टी के वार रूम कोआर्डिनेटर के रूप में काम करता है। इसने भी एक्स पर फेक पोस्ट ही किया था।
क्या है फेक वीडियो में
अभी तीसरे चरण के चुनाव के पहले फेक वीडियो के माध्यम से भाजपा को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का विरोधी साबित करने की कोशिश की गई।
फेक वीडियो में शाह को आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए उसे खत्म करने का ऐलान करते हुए दिखाया गया था। जबकि असली वीडियो में शाह एसटी, एससी और ओबीसी आरक्षण को बनाए रखने की बात कहते हैं।
इंटरनेट मीडिया पर शाह के फेक वीडियो प्रसारित होने का संज्ञान में आने के बाद गृह मंत्रालय ने 28 अप्रैल की सुबह आठ बजे आइएफएसओ को फेक वीडियो मामले में शिकायत मिली जिसके बाद पुलिस तुरंत कार्रवाई में जुट गई।
पुलिस ने मुख्यमंत्री समेत सभी को मोबाइल और इलेक्ट्रानिक गजट जैसे लैपटाप आदि साथ लेकर आने को कहा है ताकि जांच से यह पता लगाया जा सके कि उन्हें फेक वीडियो किसने भेजा और इन्होंने उसे कब पोस्ट किया।