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UP Lok Sabha Election: तीन तलाक... कुछ भी कहिए महिलाओं का आत्मविश्वास तो बढ़ा ही है, पढ़‍िए मन टटोलती यह खबर

गोरखपुर की शिक्षिका डा. सलमा बानो कहती हैं- ‘मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक बहुत बड़ा मसला था। सरकार ने इसके खिलाफ कानून बनाकर बड़ी राहत दी है। पहले अक्सर तीन तलाक के मामले सुने जाते थे लेकिन अब अंकुश लगा है। इस सच्चाई से इन्कार नहीं किया जा सकता। तीन तलाक देने से पहले अब सोचना पड़ता है कि कहीं कानूनी शिकंजे में ना फंस जाएं।

By Madan Mohan Singh Edited By: Vivek Shukla Published: Sat, 25 May 2024 11:56 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2024 11:56 AM (IST)
मुस्लिम महिलाओं ने लोकसभा चुनाव को लेकर खुलकर अपना पक्ष रखा l अभिनव राजन चतुर्वेदी

मुस्लिम महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। खुद को पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रही हैं। कारण- मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक पर प्रतिबंध। इस मामले पर हिजाब की ओट से ही सही, मुस्लिम महिलाएं पूरी स्पष्टता के साथ बात करती हैं। मोदी के प्रति आभार का भाव रखती हैं। उनका समर्थन करने की बात कहती हैं, लेकिन शिकायत भी करती हैं कि बेरोजगारी बढ़ी है। सरकार ने नौकरी को तवज्जो नहीं दी है। मुस्लिम महिलाओं का मन टटोलती गोरखपुर के संपादकीय प्रभारी मदन मोहन सिंह की रिपोर्ट...

चुनावी घुमक्कड़ी के दौरान महराजगंज के परतावल, देवरिया शहर के अबूबकर नगर, सलेमपुर और गोरखपुर की कुछ मुस्लिम महिलाएं कैमरे के सामने बात करने के लिए तैयार हुईं। इनमें एक ने अपना नाम बताने से परहेज किया। अबूबकर नगर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है।

यहां सामाजिक कार्यकर्ता शाइस्ता परवीन आपबीती बताती हैं- ‘एक लड़की का तलाक उसके परिवार को तबाह कर देता है। हमारी बहन की शादी के एक साल बाद ही पति ने पोस्टकार्ड पर तलाक भेज दिया। इसके बाद पूरा परिवार अस्त-व्यस्त हो गया। मेरे बाबा की मौत हो गई। तीन तलाक पर पाबंदी का निर्णय मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था। महिलाएं मोदी के समर्थन के लिए आगे बढ़ सकती हैं, लेकिन बढ़ती बेरोजगारी को लेकर नाराजगी के कारण कदम डगमगा सकते हैं।’

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रेहाना बताती हैं कि ‘तीन तलाक पर पाबंदी से मुस्लिम महिलाएं महफूज हुई हैं। और भी बहुत सारे काम मोदी ने अच्छे किए हैं, इसलिए मुस्लिम महिलाएं उनके पक्ष में सोचती हैं।’

पहली बार मतदान करने जा रही छात्रा मंतशा कहती हैं कि ‘मुस्लिम महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है, पहले जिस बात पर पति से सहमत नहीं होती थीं, उस पर भी खामोश रहती थीं, लेकिन अब ऐसी बात नहीं है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है।’

मौके पर मौजूद मुहम्मद जावेद को शिकायत यह है कि ‘नरेन्द्र मोदी तो बहुत कुछ अच्छा करते हैं, लेकिन बीच-बीच में उनकी पार्टी के लोग कुछ न कुछ ऐसा बोल देते हैं कि मुस्लिमों का मन खट्टा हो जाता है।’

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इससे पूर्व सलेमपुर के जमुआ नंबर दो गांव में छात्रा जारा का कहना था- ‘जहां तक मेरा मानना है, भाजपा सरकार गरीबों का ख्याल रख रही है। सड़कें बेहतर हुई हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरी है। लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। तीन तलाक पर पाबंदी लगाना मुस्लिम महिलाओं के हित में बहुत बड़ा कदम रहा। पाकिस्तान और बांग्लादेश में पाबंदी थी, लेकिन यहां नहीं थी।’

सोनी अबरार इस बात से पूरा इत्तेफाक रखती हैं कि ‘मुस्लिम महिलाएं अपने पति से अलग जाकर मोदी के नाम पर भाजपा के लिए मतदान कर सकती हैं।’ उनका यह भी कहना है कि ‘मोदी ने तीन तलाक ही नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी खूब आगे बढ़ाया है। महिलाएं अब सुरक्षित हैं।’ इसी बात को सायरा बेगम भी दोहराती हैं।

‘सरकार ने कानून बनाकर दी बड़ी राहत’

गोरखपुर की शिक्षिका डा. सलमा बानो कहती हैं- ‘मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक बहुत बड़ा मसला था। सरकार ने इसके खिलाफ कानून बनाकर बड़ी राहत दी है। पहले अक्सर तीन तलाक के मामले सुने जाते थे, लेकिन अब अंकुश लगा है। इस सच्चाई से इन्कार नहीं किया जा सकता। तीन तलाक देने से पहले अब सोचना पड़ता है कि कहीं कानूनी शिकंजे में ना फंस जाएं। सरकार के इस कदम की सराहना होती है। इस बुनियाद पर मुस्लिम महिलाओं के चुनावी रुख का अंदाजा खुद लगाया जा सकता है।’

गोरखपुर के ही दरियाचक की मोहसिना रईस परास्नातक और गृहणी हैं। कहती हैं- ‘तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने से मुस्लिम महिलाओं को बहुत राहत है। ऐसे मामले लगभग बंद हो चुके हैं, इसलिए मुस्लिम महिलाएं मोदी सरकार का समर्थन करेंगी।’


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