गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट गेमिंग जोन में लगी आग का लिया स्वत: संज्ञान, बताया मानव निर्मित आपदा
गुजरात हाई कोर्ट की एक विशेष पीठ ने रविवार को राजकोट के एक गेमिंग जोन में आग लगने की घटना का स्वत संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्ट्या मानव निर्मित आपदा बताया है। गौरतलब है कि टीआरपी गेमिंग जोन में एक दिन पहले भीषण आग लगने से 12 बच्चों समेत कम-से-कम 35 लोगों की मौत हो गई थी। पढ़ें खबर...
पीटीआई, अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट की एक विशेष पीठ ने रविवार को राजकोट के एक गेमिंग जोन में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्ट्या मानव निर्मित आपदा बताया है। गौरतलब है कि टीआरपी गेमिंग जोन में एक दिन पहले भीषण आग लगने से 12 बच्चों समेत कम-से-कम 35 लोगों की मौत हो गई थी।
जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवन देसाई की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे गेमिंग जोन और मनोरंजक सुविधाएं सक्षम अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी के बिना बनाई गई हैं। खंडपीठ ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगमों के अधिवक्ताओं को निर्देश दिया कि वे सोमवार को उसके समक्ष उपस्थित होकर बताएं कि कानून के किन प्रविधानों के तहत अधिकारियों ने इन इकाइयों को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थापित किया या संचालित करना जारी रखा।
कोर्ट ने बताया नियमों की अनदेखी
न्यायालय ने कहा कि हम समाचार पत्रों की रिपोर्ट पढ़कर आश्चर्यचकित हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि राजकोट में गेमिंग जोन को बनाने में गुजरात समग्र सामान्य विकास नियंत्रण नियम की खामियों का फायदा उठाया गया है। जैसा कि समाचार पत्रों में छपा है कि ये गेमिंग जोन सक्षम अधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन लिए बिना बनाए गए हैं।
35 लोगों की हुई थी मौत
अधिकारियों के मुताबिक, राजकोट में शनिवार को लगी भीषण आग में 35 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 12 बच्चे भी शामिल थे। इस हादसे में कई लोग घायल हो गए। ये सभी यहां गेमिंग जोन में गर्मी की छुट्टी का आनंद ले रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार सुबह घटना स्थल और एक अस्पताल का दौरा किया, जहां घायल व्यक्तियों को भर्ती कराया गया है।