Move to Jagran APP

नामाकंन से पहले ज्योतिर्विदों के दर पर मत्था टेक रहे प्रत्याशी, 3 मई को कोई नहीं भरना चाह रहा पर्चा

Lok Sabha Election ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि शास्त्रों में कहा गया है- ‘कालाधीनमन जगत सर्वम...’ अर्थात प्राणियों के व्यावहारिक परमार्थिक धार्मिक सभी तरह के कार्य कालाधीन यानी समय के अधीन हैं। काल ज्योतिष शास्त्र के अधीन है। अतः ज्योतिष शास्त्र लौकिक-पारलौकिक समस्त कार्यों के लिए मुहूर्त निर्धारित करता है। ज्योतिर्विद गणना अनुसार शुभ-अशुभ तिथियों के बारे में बता रहे हैं।

By Ashok Singh Edited By: Vivek Shukla Published: Mon, 29 Apr 2024 02:04 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 02:04 PM (IST)
ज्योतिर्विद गणना अनुसार शुभ-अशुभ तिथियों के बारे में बता रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में जीत-हार का फैसला तो जनता जनार्दन के हाथ होगा, लेकिन प्रत्याशी इसकी पहली कड़ी नामांकन के लिए शुभ घड़ी शोधा रहे। उनके चुनावी जीत में कहीं से कोई बाधा-विघ्न न आए इसलिए ज्योतिर्विदों की देहरी पर शीश नवा रहे हैं। पोथी-पत्रा बंचवा कर कुंडली अनुसार मुहूर्त का आकलन करा रहे। छठें और सातवें चरण के शुभ मुहूर्त पर प्रमोद यादव की रिपोर्ट...

loksabha election banner

चुनाव विभिन्न चरणों से होते पूर्वांचल की ओर बढ़ता आ रहा है। अंतिम दो चरण का रण इस क्षेत्र की सीटों पर ही होगा। इसमें छठें चरण के लिए 29 अप्रैल से छह मई तक तो सातवें चरण के लिए सात से 14 मई तक नामांकन होगा। अतः पर्चा भरने के लिए ज्योतिर्विदों से साइत पर चर्चा की जा रही है। पोथी-पत्रा बंचवाए जा रहे कुंडली अनुसार शुभ मुहूर्त दिखवाए जा रहे हैं। ज्योतिर्विद गणना अनुसार शुभ-अशुभ तिथियों के बारे में बता रहे हैं।

छठां चरण में नामांकन : आजमगढ़, लालगंज, भदोही, जौनपुर व मछलीशहर

सातवें चरण में नामांकन : वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, राबर्ट्सगंज, घोसी, बलिया, सलेमपुर, मीरजापुर।

इसे भी पढ़ें-इंसानों पर तेंदुए के हमले का LIVE VIDEO आया सामने, मच गई चीख-पुकार; लाठी-डंडों से किसी तरह बची जान

‘कालाधीनमन जगत सर्वम...’

ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि शास्त्रों में कहा गया है- ‘कालाधीनमन जगत सर्वम...’ अर्थात प्राणियों के व्यावहारिक, परमार्थिक, धार्मिक सभी तरह के कार्य कालाधीन यानी समय के अधीन हैं। काल ज्योतिष शास्त्र के अधीन है। अतः ज्योतिष शास्त्र लौकिक-पारलौकिक समस्त कार्यों के लिए मुहूर्त निर्धारित करता है। सनातन धर्म में मांगलिक समेत किसी भी तरह के कार्यों की निर्विघ्न पूर्णता के लिए मुहूर्त का मान है।

राजतंत्र में भी राज ज्योतिषी होते थे जो नित्य सहित मुहूर्त के माध्यम से राजा समेत संपूर्ण प्रजा तक का मार्गदर्शन करते थे। प्रभु श्रीराम ने भी मुहूर्त अनुसार आश्विन शुक्ल सप्तमी, श्रवण नक्षत्र यानी विजय काल में लंका विजय के लिए प्रस्थान किया। कुंडली के आधार पर मुहूर्त और भी विशेष हो जाता है।

इसे भी पढ़ें- भाजपा के गढ़ काशी से पूर्वांचल को साधेंगे विपक्ष के सितारे, कई नेताओं को बनारस आने को भेजा पत्र

चुनावी मुहूर्त

  • 29 अप्रैल: वैशाख कृष्ण षष्ठी सोमवार को सिद्ध योग है। प्रातः 7.30 से नौ बजे तक राहुकाल के अलावा शेष समय शुभ है।
  • 30 अप्रैल: वैशाख कृष्ण सप्तमी मंगलवार को दिन में 3.21 बजे तक भद्राकाल है। यह काल किसी भी विशेष कार्य के लिए शास्त्रानुसार वर्जित है।
  • 01 मई: वैशाख कृष्ण अष्टमी बुधवार मुहूर्त की दृष्टि से बेहद शुभ है। इसमें स्वर्ण नक्षत्र, शुभ योग व बुद्धाष्टमी होगी। हालांकि दोपहर 12 से 1.13 बजे तक राहुकाल में नए कार्य से बचना चाहिए।
  • 02 मई: वैशाख कृष्ण नवमी गुरुवार को सामान्य मुहूर्त है। दिन में 1.30 से तीन बजे तक राहु काल को छोड़ शेष समय शुभ है।
  • 03 मई: वैशाख कृष्ण दशमी शुक्रवार को सुबह 9.15 बजे से रात 8.04 बजे तक भद्रा है। इस तिथि में नए कार्य का आरंभ करना ठीक नहीं।
  • 04 मई: वैशाख कृष्ण एकादशी शनिवार को सामान्य मुहूर्त है। राहु काल प्रातः नौ से 10.30 बजे तक है। इस समय को छोड़कर शेष अवधि कार्यारंभ के लिए ठीक है।
  • 05 मई: रविवार का अवकाश।
  • 06 मई: वैशाख कृष्ण त्रयोदशी सोमवार को मुहूर्त अच्छा है लेकिन दिन में 12.48 से रात 11.41 बजे तक भद्रा की छाया है। प्रातः 7.30 से नौ बजे तक राहुकाल रहेगा। भद्रा व राहुकाल छोड़ शेष समय शुभ है।
  • 07 मई: वैशाख कृष्ण चतुर्दशी मंगलवार को अमृत योग, अश्विनी नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि योग, सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग है। यह तिथि मुहूर्त की दृष्टि से विशिष्ट है। हालांकि, दोपहर तीन से शाम 4.30 बजे तक राहुकाल है।
  • 08 मई: अमावस्या व बुधवार का संयोग खास है। दिन भर सौभाग्य योग व सर्वार्थ योग है लेकिन दोपहर 12 से 1.30 बजे तक राहुकाल है। शेष समय शुभ है।
  • 09 मई: वैशाख शुक्ल प्रतिपदा कृतिका नक्षत्र बृहस्पतिवार को यमघंट योग अशुभ है। यह प्रातः से लेकर दोपहर 12.53 बजे तक है। दोपहर 1.30 से तीन बजे तक राहु काल भी है। इसके बाद का समय ठीक है।
  • 10 मई: वैशाख शुक्ल द्वितीया-तृतीया शुक्रवार अक्षय तृतीया का मुहूर्त बेहद खास है। रवि योग का साथ भी होगा। हालांकि , राहु काल प्रातः 10.30 से 12 बजे तक होगा। शेष समय ठीक है।
  • 11 मई: वैशाख शुक्ल चतुर्थी शनिवार को दिन में 4.25 बजे भद्रा लगेगा जो रात तक रहेगा। दिन पर्यंत रवि योग होगा जो अपने आप में अतिविशिष्ट है। राहु काल प्रातः नौ से 10.30 बजे तक है। शेष समय ठीक है।
  • 12 मई: रविवार को अवकाश रहेगा।
  • 13 मई: वैशाख शुक्ल षष्ठी सोमवार पुनर्वसु नक्षत्र दिन में 1.43 बजे तक व 1.43 से रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ होगा जो शुभद है। इस दिन सुबह 7.30 बजे से नौ बजे तक राहुकाल है, शेष समय ठीक है।
  • 14 मई: वैशाख शुक्ल सप्तमी नक्षत्रराज पुष्य व गंगा सप्तमी में सर्वार्थ सिद्धि योग रवि योग का संयोग बेहद खास है। राहुकाल तीन बजे दिन से 4.30 बजे शाम तक है, शेष समय ठीक है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.