Bengal Politics: 'चुनाव हार गया तो...', आखिर क्यों बादाम बेचने की बात कर रहे हैं अधीर रंजन चौधरी?
Bangal Politics अधीर का कहना है कि तृणमूल इससे अल्पसंख्यक वोटों को बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि ममता ने उनके सभी नेताओं को तोडक़र अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। टीएमसी सुप्रीमो ने बंगाल में कांग्रेस को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन मैंने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया। मैंने स्वाभिमान के साथ राजनीति की है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि अगर वह मुर्शिदाबाद की बहरमपुर सीट से चुनाव हार गए तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। अधीर ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बादाम बेचेंगे लेकिन राजनीति में नहीं रहेंगे। उनके लिए इस बार का चुनाव अस्तित्व के लिए संघर्ष है।
पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान बहरमपुर से तृणमूल के उम्मीदवार हैं। भाजपा ने इलाके के लोकप्रिय डाक्टर निर्मल चंद्र साहा को मैदान में उतारा है।
अधीर इस बार कर रहे कड़ी टक्कर का सामना
पिछले लोकसभा चुनाव में अधीर की जीत का अंतर 3,50,000 से घटकर 80,000 रह गया था। मीडिया से बातचीत में अधीर ने कहा कि वह अस्थिर नहीं होते। राजनीतिक जानकारों के अनुसार अधीर को इस बार विभिन्न कारणों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। अधीर भी उन संकेतकों को स्वीकार कर रहे हैं।
बरहमपुर सीट से अल्पसंख्यक उम्मीदवार
यह पहली बार है कि मुस्लिम बहुल बरहमपुर सीट से अधीर के खिलाफ मुख्य प्रतिद्वंद्वी कोई अल्पसंख्यक उम्मीदवार है। 1999 से 2019 तक अधीर पांच बार बहरमपुर से जीत चुके हैं। लेकिन उन्हें कभी किसी अल्पसंख्यक उम्मीदवार का सामना नहीं करना पड़ा था। अधीर का कहना है कि तृणमूल इससे अल्पसंख्यक वोटों को बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि ममता ने उनके सभी नेताओं को तोडक़र अपनी पार्टी में शामिल करा लिया।
'मैंने स्वाभिमान के साथ राजनीति की'
अधीर ने कहा कि टीएमसी सुप्रीमो ने बंगाल में कांग्रेस को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन मैंने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया। मैंने स्वाभिमान के साथ राजनीति की है। तृणमूल वास्तव में कांग्रेस को खत्म करना चाहती है। तब से मैं कांग्रेस का बचाव कर रहा हूं। मेरा काम मेरे पास जो कुछ है उसकी रक्षा करना है। बता दें कि अधीर ने ममता को बहरमपुर सीट से खड़े होने की चुनौती भी दी थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि अगर बहरमपुर में तृणमूल हारती है तो वह इसे अपनी हार मानेंगी।
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