Allahabad High Court : मंदिर पक्ष ने कोर्ट में कहा- राजनीतिक षड़यंत्र के तहत मथुरा में ईदगाह बनवाया गया
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ में वाद संख्या सात 11 18 और चार में मंदिर पक्ष की तरफ से तर्क रखे गए । कुल 18 वाद हैं। शाही मस्जिद को अतिक्रमण बताते हुए इसे हटाने की मांग में दायर सिविल वादों की पोषणीयता को मस्जिद पक्ष ने सीपीसी के आदेश सात नियम 11 के अंतर्गत चुनौती दी है। उसका कहना है कि वाद नहीं चलाया जा सकता।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट में मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में मंगलवार को भी लंबी सुनवाई हुई। सुबह 11.30 बजे शुरू हुई सुनवाई भोजनावकाश को छोड़ शाम चार बजे के बाद तक जारी रही। मंदिर पक्ष की ओर बहस की गई। दावा किया गया की ढाई एकड़ में बना शाही ईदगाह कोई मस्जिद नहीं है।
ईदगाह में केवल सालभर में दो बार नमाज पढ़ी जाती है जबकि, मस्जिद में दिन भर में पांच बार नमाज होती है। राजनीतिक षड्यंत्र के तहत ईदगाह का निर्माण कराया गया। प्रतिवादी के पास कोई ऐसा रिकॉर्ड नहीं है। सीपीसी के आदेश सात नियम 11 इस वाद में लागू नहीं होता है।
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ में वाद संख्या सात, 11 18 और चार में मंदिर पक्ष की तरफ से तर्क रखे गए । कुल 18 वाद हैं। शाही मस्जिद को अतिक्रमण बताते हुए इसे हटाने की मांग में दायर सिविल वादों की पोषणीयता को मस्जिद पक्ष ने सीपीसी के आदेश सात नियम 11 के अंतर्गत चुनौती दी है। उसका कहना है कि वाद नहीं चलाया जा सकता। उसने वक्फ कानून और वर्शिप एक्ट के साथ साथ मियाद अधिनियम का हवाला देते हुए कहा है कि सिविल वाद चलाए जाने योग्य नहीं हैं।