Gujarat Chunav 2022: 'जीतने के लिए मेरा नाम ही काफी है', लेडी डॉन के बेटे कांधल जडेजा ने दिया बयान
Gujarat Assembly polls 2022 गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर कांधन को कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह एक राजनीतिक दल के हिस्से के रूप में लड़ रहे हैं या एक निर्दलीय के रूप में। वह ये चुनाव जीत रहे हैं क्योंकि लोग केवल उनके नाम पर ही वोट देते हैं।
पोरबंदर, एजेंसी। Gujarat Assembly Election 2022: आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर काधंल जडेजा ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए उनका नाम ही काफी हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार कांधल जडेजा को पोरबंदर जिले की कुटियाना सीट से टिकट मिला है।
दिवंगत माफिया डॉन संतोकबेन सरमनभाई जडेजा के बेटे काधंल ने हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया था, क्योंकि पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया। अब वे समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार होकर गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। कांधन ने राकांपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी गुजरात में खत्म हो गई हैं।
संतोकबेन सरमनभाई जडेजा कौन थीं?
जानकारी के लिए बता दें कि संतोकबेन सरमनभाई जडेजा 1990 से 1995 तक पोरबंदर की कुटियाना सीट से विधायक रह चुकी हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसके खिलाफ अपने पति सरमन मुंजा जडेजा के 14 हत्यारों की हत्या के अलावा 500 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। संतोकबेन के बाद उनके बेटे कांधल जडेजा ने अपनी मां की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया है।
कांधल जडेजा
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर कांधन को कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह एक राजनीतिक दल के हिस्से के रूप में लड़ रहे हैं या एक निर्दलीय के रूप में। उनके अनुसार वह ये चुनाव जीत रहे हैं क्योंकि लोग केवल उनके नाम पर ही वोट देते हैं। पहली बार जडेजा 2012 में एनसीपी उम्मीदवार के रूप में कुटियाना से जीते थे। फिर 2017 में वे फिर एनसीपी के टिकट पर जीते। एनसीपी की नाराजगी के चलते उन्होंने सपा से चुनाव लड़ने का फैसला किया।
कांधल जडेजा का बयान
न्यूज एजेंसी एएनआइ से बातचीत करते हुए कांधल ने कहा कि "मेरी मां, पिता और चाचा सभी कुटियाना से विधायक थे और गरीबों के लिए काम करते थे। उन्होंने समाज के सभी समुदायों के लिए काम किया" उन्होंने आगे कहा, "अगर आपने मुझसे 80-90 के दशक में यह पूछा होता कि लोग डर या प्यार के कारण उन्हें वोट देंगे तो मैं कहता - डर से। पहले वोट कागजों में होता था लेकिन अब ईवीएम है। मेरे काम के कारण लोग मुझे वोट देते हैं। यहां हर कोई मुझे जानता है क्योंकि मैंने अपना पूरा जीवन यहीं बिताया है और यहां मेरा एक बड़ा परिवार है। यह मेरी मां का गांव हैं"। जनता तय करेगी कि किसे जीतना चाहिए।
मुझे मेरे नाम पर मिलता है वोट
राकांपा छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले कांधल जडेजा ने आगे कहा कि "मेरे मतदाता जो मेरे परिवार हैं, वे नहीं देखते हैं पार्टी, वे मुझे वोट देते हैं। मुझे मेरे नाम पर वोट मिलता है। एनसीपी गुजरात में समाप्त हो गई है। मैं अब साइकिल पर चढ़ गया हूं,"। बता दें कि गुजरात राज्य में 182 विधानसभा क्षेत्र हैं, 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा। वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।
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