आयोग ने ममता को दिया अल्टीमेटम
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और चुनाव आयोग के बीच टकराव का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। ऐसे में राज्य में लोकसभा चुनाव रद होने व संवैधानिक संकट पैदा होने के आसार बढ़ रहे हैं। क्योंकि, आयोग ने बंगाल सरकार के डीएम, एसपी व एडीएम के तबादले पर पुनर्विचार पत्र को खारिज कर दिया और अल्टीमेटम दिया है कि बुधवार सुबह 10 बजे तक सोमवार को जारी सभी निर्देश को क्रियान्वित करना होगा। वहीं ममता बनर्जी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक बंगाल सरकार के पुनर्विचार पत्र को लेकर चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने बैठक की थी, जिसमें ममता सरकार द्वारा पेश बीच के रास्ते को खारिज करते हुए साफ किया कि राज्य सरकार बुधवार सुबह तक आठ अधिकारियों को तबादला करें और उनकी जगह पर आयोग द्वारा चुने गए अधिकारियों को नियुक्त करे। इसके बाद मुख्य मंत्री सचिवालय नवान्न में मुख्य सचिव संजय मित्रा के नेतृत्व में उच्चस्तरीय बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव ने ममता को सलाह दी है कि आयोग के निर्देश को नहीं मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। क्योंकि, इस पर कोई कानूनी लड़ाई नहीं हो सकती। परंतु, मुख्यमंत्री के साथ ममता राज्य की गृहमंत्री भी हैं और उनके हस्ताक्षर के बिना तबादला संभव नहीं है। ऐसे में क्या होगा यह बता पाना काफी मुश्किल हो रहा है।
इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आ रही थी कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और चुनाव आयोग में समझौता हो गया है। ममता बनर्जी ने अफसरों के तबादले की जानकारी मागी है। साथ ही ममता चुनाव आयोग के निर्देश पर अपने अधिकारियों के तबादले को तैयार हो गई हैं। परंतु, बाद में तेजी से बदलते घटनाक्रम में आयोग ने ममता की अर्जी को एक सिरे से नकारते हुए अल्टीमेटम दे दिया।
बताते चलें कि सोमवार को बंगाल सरकार को अधिकारियों के तबादले के निर्देश का पालन करने के लिए लिए 24 घटे का समय दिया था, मगर ममता के रूख को देखते हुए चुनाव आयोग ने भी कडे़ तेवर दिखाते हुए उन्हें दोपहर ढाई बजे तक का वक्त दिया था। इस बीच, बंगाल सरकार ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर अधिकारियों के तबादले पर पुनर्विचार की गुजारिश की थी।
गौरतलब है कि निर्वाचन अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाच पुलिस अधीक्षकों और एक डीएम व दो एडीएम को उनके खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद चुनाव डयूटी से हटा दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज हो गईं और आयोग का आदेश मानने से इन्कार कर दिया। ममता ने आयोग को खुली चुनौती देते हुए कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव आयोग किसी को हटाकर दिखाए। उन्होंने चुनाव आयोग को अपने खिलाफ कार्रवाई की चुनौती देते हुए कहा कि वह गिरफ्तार होने और जेल जाने के लिए तैयार है।
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है, हम अधिकारियों के तबादले के निर्देश का पालन होने का इंतजार करेंगे। अगर अधिकारी नहीं हटाए जाते हैं तो चुनाव रद किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने भले ही अधिकारियों के तबादले के चुनाव आयोग के निर्देश को न मानने की घोषणा की हो, लेकिन उनके सामने इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।
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बंगाल का अपमान बर्दाश्त नहीं: ममता
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को फिर कहा कि वो संविधान का सम्मान करती हैं लेकिन अपने राज्य का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगी। ममता सरकार चुनाव आयोग के चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के स्थानातरण के आदेश को लेकर आमने-सामने है।
ममता बनर्जी ने आज बांकुड़ा में एक चुनावी सभा के दौरान कहा कि मैं जानती हूं कि संविधान क्या है। मैं संविधान का सम्मान करती हूं। लेकिन किसी को ये अधिकार नहीं है कि वो बंगाल का अपमान करे। मैं आपका सम्मान करती हूं इसका मतलब ये नहीं कि मैंने आपको अपने अपमान का अधिकार दे दिया। उन्होंने कहा कि मैं जब तक जीऊंगी सिर ऊंचा कर के जीऊंगी। दिल्ली की धमकियों से नहीं डरती। सोमवार को ममता ने आठ अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी से हटाए जाने के आयोग के आदेश को न मानने की धमकी दी थी।
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