उत्तरकाशी में निकली शिव बारात, दिखी संस्कृति की झलक; विदेशी बने मेहमान
महाशिवरात्रि पर्व पर उत्तरकाशी में भव्य शिव बरात निकाली गई। बरात में शामिल विदेशी मेहमान बने। इस मौके पर सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिली।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिव बारात में गंगा घाटी व यमुना घाटी की संस्कृति की झलक देखने को मिली। साथ ही विदेशी भी शिव बारात के मेहमान बने। विदेशी मेहमानों को विश्वनाथ मंदिर के संचालकों की ओर से पगड़ी भी पहनाई गई। इसके साथ ही बारात में शहर के कई गणमान्य लोग शामिल हुई।
विश्वनाथ नगरी उत्तरकाशी महाशिवरात्रि के पर्व पर भोले के जयकारों और भोले की भक्ति से जुड़े गीतों से गुंजयमान रही। रामलीला मैदान से शिव-पर्वती की बारात की झांकी शुरू हुई। बारात में विदेशी भी शामिल हुए। विदेशियों को विधिवत रूप से पकड़ी पहना कर मेहमान बनाया गया।
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इसके बाद बारात की झांकी रामलीला मैदान से होते हुए विश्वनाथ चौक, कमलाराम चौक, हनुमान चौक, बस अड्डा, भटवाड़ी रोड, कलक्ट्रेट चौक होते हुए विश्वनाथ मंदिर में पहुंची। शिव बारात में लदाड़ी गांव, मांडो गांव, संग्राली, पाटा, बजियालगांव की महिलाएं अपने पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुईं। उन्होंने रांसो व तांदी नृत्य की प्रस्तुति दी।
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इसके साथ वीरपुर डंडा की भोटिया व जाड समुदाय की महिलाएं भी अपने पारंपरिक वेशभूषा में आई और शिव बारात में नृत्य किया। इसके साथ स्थानीय कलाकार, संस्कृत महाविद्यालय के छात्र, गोस्वामी गणेशदत्त विद्यालय के छात्र-छात्राएं, यूथ फाउंडेशन के युवा, विश्वनाथ भूतपूर्व सैनिक संगठन, प्रजापति ब्रह्मकुमारी के स्वयं सेवक, स्वभिमान मंच के स्वयं सेवक, गायत्री परिवार के स्वयं सेवक भी शिव बारात की में मौजूद रहे।
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बाजार में व्यवस्थित रूप से शिव बारात की झांकी निकालने के लिए पुलिस के साथ कर्नल अजय कोठियाल के यूथ फाउंडेशन के 100 से अधिक युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बारात के समापन अवसर पर महंत जयेंद्र पुरी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ से इस क्षेत्र की खुशाहाली की कामना की तथा यह क्षेत्र दैवीय आपदाओं से दूर रहे।यह भी पढ़ें: छह मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट