रुद्रप्रयाग में नमामि गंगे अभियान को पलीता लगा रही नगर पालिका
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'नमामि गंगे' से भले ही रुद्रप्रयाग शहर जुड़ गया हो, लेकिन नगर क्षेत्र में पसरी गंदगी योजना के भविष्य को लेकर संशय पैदा कर रही है।
रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'नमामि गंगे' से भले ही रुद्रप्रयाग शहर जुड़ गया हो, लेकिन नगर क्षेत्र में पसरी गंदगी योजना के भविष्य को लेकर संशय पैदा कर रही है। न नगर के पैदल मार्गों की नियमित सफाई होती है और न कूड़ेदानों की। जाहिर है नगर पालिका की कार्य प्रणाली पर सवाल उठेंगे ही। सवाल यह भी है कि शहर को साफ रखे बिना क्या नगर पालिका नदियों को स्वच्छ रखने में सफल हो पाएगी।
केंद्र सरकार ने केदारनाथ से आने वाली मंदाकिनी व बदरीनाथ धाम से आने वाली अलकनंदा नदी के संगम स्थल रुद्रप्रयाग को 'नमामि गंगे' परियोजना से जोड़ा है। उद्देश्य है नदी के जल की पवित्रता बनाए रखना। इसी क्रम में शहर में भी सीवरेज समेत कई निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। लेकिन, नगर पालिका का शहर की स्वच्छता के प्रति उदासीन रवैया इस योजना की सफलता को गर्त में धकेल रहा है।
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शहर में कूड़ेदानों की नियमित सफाई नहीं होती है। इनके खुले रहने से मवेशी व बंदर कूड़े को सड़क पर बिखेर देते हैं। इससे पैदल चलने वालों को आवाजाही में खासी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। शहर का हाल देखकर कहीं से भी नहीं लगता कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता को लेकर दिए गए संदेश पर अमल हो रहा है।
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हैरत तो यह है कि नदियों के किनारे फैली गंदगी की भी नियमित सफाई नहीं होती। ऐसा नहीं है कि पालिका के पास सफाई कर्मियों का अभाव है। 30 से अधिक सफाई कर्मी उसके पास हैं। साथ ही एक डंपर, एक मोबाइल वाहन व ट्रैक्टर-ट्रॉली भी उसके पास है। फिर भी शहर का यह हाल है।
वार्ड नंबर छह के निवासी एवं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस रौथाण कहते हैं कि पालिका की लापरवाही ने आम लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। ऐसे में नमामि गंगे की सफलता पर संशय है।
व्यापारी जगमोहन सिंह कहते हैं कि केदारनाथ तिराहे पर लगे कूड़ेदान से गंदगी आसपास पूरे क्षेत्र में फैल जाती है। शिकायत करने पर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता। लिहाजा, नदियों की सफाई की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
प्रस्ताव को मिल गई स्वीकृति
नगर पालिका रुद्रप्रयाग के अधिशासी अधिकारी एमएल शाह के मुताबिक 'नमामि गंगे' अभियान के तहत शहर में घाटों के निर्माण के जो प्रस्ताव भेजे गए थे, उनकी स्वीकृति मिल गई है। निर्माण के बाद ये पालिका के हैंडओवर होंगे। इनकी सफाई की जिम्मेदारी भी पालिका की ही होगी। वर्तमान में नगर में कूड़ेदान की यदि नियमित सफाई नहीं हो रही है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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शहर में सफाई व्यवस्था की स्थिति
कूड़ेदानों की संख्या : 40
पालिका में तैनात सफाई कर्मी : 31
यात्रा के लिए व्यवस्था पर : 10
कूड़ा एकत्रित करने की व्यवस्था : 03
(एक-एक मोबाइल वाहन, ट्रैक्टर-ट्रॉली व डंपर)
शहर में वार्डों की सफाई : हफ्ते में दो से तीन बार
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