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एक को केदारनाथ और 16 नवंबर को बदरीनाथ के कपाट होंगे बंद

बाबा केदार के कपाट एक नवंबर को भैय्या दूज के दिन बंद होंगे। उन्‍हें केदारनाथ से शीतकालीन गद्दीस्‍थल ऊखीमठ के ओमकारेश्‍वर मंदिर में स्थापित किया जाएगा।

By gaurav kalaEdited By: Published: Tue, 11 Oct 2016 10:48 AM (IST)Updated: Thu, 13 Oct 2016 07:30 AM (IST)
एक को केदारनाथ और 16 नवंबर को बदरीनाथ के कपाट होंगे बंद

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: बाबा केदार के कपाट एक नवंबर को भैय्या दूज के दिन बंद होंगे। उन्हें केदारनाथ से शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ के ओमकारेश्वर मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित भगवान शिव के पंच केदारों में प्रथम केदार के रुप में पहचान रखने वाले केदानाथ धाम के कपाट एक नवम्बर को सुबह साढ़े आठ बजे बंद होंगे।

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तीन नवम्बर को बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली नगाड़ों के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओमकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में स्थापित की जाएगी। द्वितीय केदार मधमहेश्वर धाम के कपाट 22 नवम्बर को सुबह आठ बजकर 22 मिनट पर बंद होंगे। अपने चौथे पड़ाव में बाबा मधमहेश्वर की डोली भी ओमकारेश्वर मंदिर में पहुंचेगी। ओमकारेश्वर मंदिर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

वहीं, जनपद चमोली में स्थित भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिर बदरीनाथ के कपाट 16 नवम्बर दोपहर तीन बजकर 45 मिनट पर बंद होंगे।
बदरीनाथ मंदिर में मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन उनियाल सहित बेदपाठियों ने इसका मूर्हत निकाला। 12 नवबंर से बदरीनाथ में पंच पूजाएं शुरू होगी। इस मौके पर मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे।

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वहीं, उत्तरकाशी जनपद में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट एक नवम्बर को ही 12 बजकर 15 मिनट पर अमृत बेला पर बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना को खरसाली लाया जाएगा। जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 31 अक्टूबर को बंद होंगे। इसके बाद उनकी डोली नगाड़ों के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मुखबा पहुंचेगी। यहां छह माह तक पूजा होगी।

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