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केदारनाथ में आम श्रद्धालुओं पर वीआइपी दर्शनों की मार

केदारनाथ में वीआइपी दर्शनों का विवाद फिर गहराने लगा है। रोजाना केदारनाथ पहुंच रहे लगभग दस हजार यात्रियों से में एक तिहाई वीआइपी दर्शन कर रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 06:52 PM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 06:30 AM (IST)
केदारनाथ में आम श्रद्धालुओं पर वीआइपी दर्शनों की मार
केदारनाथ में आम श्रद्धालुओं पर वीआइपी दर्शनों की मार

रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ में वीआइपी दर्शनों का विवाद फिर गहराने लगा है। रोजाना केदारनाथ पहुंच रहे लगभग दस हजार यात्रियों से में एक तिहाई वीआइपी दर्शन कर रहे हैं। इससे लाइन में खड़े आम यात्रियों को दर्शनों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। 

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वहीं, आए दिन वीआइपी दर्शनों को लेकर मंदिर समिति व यात्रियों के बीच विवाद भी हो रहा है। दूसरी ओर, मंदिर समिति ने मंदिर के आसपास की पूरी व्यवस्था खुद संभाल ली है। इस क्षेत्र में पुलिस के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। जबकि पूर्व में पुलिस ही यहां व्यवस्थाएं संभालती थी।

केदारनाथ में हवाई यात्रा मंदिर समिति की आय में तो वृद्धि कर रही है, लेकिन इससे व्यवस्थाएं पटरी से उतरने लगी हैं। रोजना ढाई हजार के आसपास यात्रा हेलीकॉप्टर से दर्शनों को पहुंच रहे हैं। इन सभी को वीआइपी दरवाजे से मंदिर में दर्शन कराए जा रहे हैं। जबकि, आम यात्री मुख्य द्वार से पांच सौ मीटर लंबी लाइन में लगकर दर्शन करने को मजबूर हैं। इससे उनमें आक्रोश है और आए दिन मंदिर समिति के कर्मचारियों के साथ उनकी कहासुनी हो जा रही है। यात्रियों का आरोप है कि वीआइपी दर्शनों के कारण ही वे समय पर दर्शन नहीं कर पा रहे।

बता दें कि मंदिर समिति की ओर से हेलीकॉप्टर से आने वाले यात्रियों को वीआइपी दर्शन की अनुमति दी गई है। इसके अलावा प्रोटोकाल के तहत आने वाले यात्रियों को भी वीआइपी दर्शन कराए जाते हैं। वे सभी पिछले दरवाजे से सीधे दर्शन कर सकते हैं। हवाई सेवा से आने वाले यात्री से मंदिर समिति दर्शन के एवज में 2100 रुपये शुल्क लेती है। 

इससे उसे रोजाना लगभग पांच लाख रुपये की आय हो रही है। मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह का कहना है कि वीआइपी दर्शन कराना या न कराना मंदिर समिति का अधिकार है। मंदिर में किस तरह की व्यवस्थाएं होनी हैं, यह निर्णय और कोई नहीं ले सकता।

वहीं, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि केदारनाथ में वीआइपी दर्शन एक गंभीर समस्या है, इस पर विचार किया जा रहा है। कोई अव्यवस्था न हो इसका पूरा ध्यान प्रशासन रखेगा।

वहीं, रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा का कहना है कि मंदिर समिति की ओर से मंदिर के आसपास पुलिस को नहीं आने दिया जा रहा है। वह स्वयं यहां की व्यवस्थाएं देख रही है। पूर्व में यहां पर व्यवस्थाएं पुलिस संभालती थी।

तीर्थ पुरोहित भी वीआइपी कल्चर के विरोध में

वीआइपी दर्शनों को लेकर तीर्थ पुरोहित भी सवाल खड़े कर रहे हैं। केदार सभा के अध्यक्ष एवं तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला का कहना है कि हेलीकॉप्टर से आने वाले यात्रियों के वीआइपी दर्शनों पर रोक लगाई जानी चाहिए। भगवान के दर पर कोई बड़ा या छोटा नहीं हो सकता।

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