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Shadi Muhurat 2024: शुक्र व गुरु ग्रह के अस्त होने से मांगलिक कार्य वर्जित, अब शादी के लिए 71 दिन करना होगा इंतजार

Shadi Muhurat 2024 पंचांग व शास्त्रों में बताए विधान के अनुसार ऐसी स्थिति में दांपत्य बंधन के इच्छुक युवक-युवतियों को फेरों के लिए 71 दिन इंतजार करना होगा। शुक्र व गुरु के अस्त होने की स्थिति में लोग विवाह यज्ञोपवीत गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य करने से बचते हैं। सनातनी परंपरा में मांगलिक कार्य से पहले शुक्र व गुरु की स्थिति की गणना की जाती है।

By ganesh pandey Edited By: Nirmala Bohra Published: Fri, 26 Apr 2024 01:03 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2024 01:03 PM (IST)
Shadi Muhurat 2024: पंचांग व शास्त्रीय विधानानुसार शुभ ग्रहों के प्रभावहीन होने से मांगलिक कार्य वर्जित

गणेश पांडे, चंपावत : Shadi Muhurat 2024: ज्योतिष शास्त्र व खगोल विज्ञान के लिहाज से अगले दो-तीन माह सौर मंडल में खास हलचल रहेगी। खासकर शुक्र व गुरु ग्रह के अस्त होने से मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे।

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गुरुवार रात 8.30 बजे शुक्र अस्त हो गए। छह मई की शाम 6.47 बजे गुरु भी अस्त की स्थिति में चले जाएंगे। पंचांग व शास्त्रों में बताए विधान के अनुसार ऐसी स्थिति में दांपत्य बंधन के इच्छुक युवक-युवतियों को फेरों के लिए 71 दिन इंतजार करना होगा।

ग्रहों की चाल का विशेष महत्व

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को सुख, वैवाहिक जीवन, विलासिता, ऐश्वर्य, धन आदि का कारक ग्रह बताया है। जबकि गुरु करियर व धन संबंधी मामलों के कारक ग्रह हैं। कुंडली में गुरु के अनुकूल होने पर व्यक्ति जीवन में खूब नाम कमाता है। यश पाता है। तरक्की की वजह से शुभ फल व आनंद की प्राप्ति होती है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल का विशेष महत्व है।

कुमाऊं में 119 वर्षों से प्रचलित ज्योतिर्विद रामदत्त पंचांग के अनुसार 25 अप्रैल की रात शुक्र अस्त हो गए। जो छह जुलाई की सुबह 5.21 बजे उदय होंगे। इसी बीच छह मई को गुरु अस्त होंगे और दो जून की सुबह 5.15 बजे उदय होंगे। शुक्र व गुरु के अस्त होने की स्थिति में लोग विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य करने से बचते हैं। सनातनी परंपरा में मांगलिक कार्य से पहले शुक्र व गुरु की स्थिति की गणना की जाती है।

कब-क्यों अस्त होते हैं ग्रह?

एक निश्चित समय में ग्रह अपना स्थान परिवर्तित करते हैं। जिसे गोचर करना कहा जाता है। जब किसी ग्रह की सूर्य के साथ युति (एक साथ आना) होती है तो सूर्य के तेज से उस ग्रह की शक्ति (प्रभाव) क्षीण हो जाती है। जिसे ग्रह का अस्त होना कहा गया है। ग्रह के अस्त होने से उसका सकारात्मक प्रभाव समाप्त होने लगता है।

जुलाई में मात्र दो लग्न

पं. रामदत्त पंचांग के अनुसार छह जुलाई को शुक्र उदय होने के बाद नौ व 11 जुलाई को दो बड़े लग्न हैं। 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास में मांगलिक कार्य फिर वर्जित रहेंगे। इसके बाद 12 नवंबर हरिबोधनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। इस वर्ष शीतकाल में 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक खरमास (पौष) होने से मांगलिक कार्य नहीं हुए। जनवरी मध्य से मार्च पहले सप्ताह के बीच विवाह हुए। चैत्र खरमास बीतने के बाद 13 से 25 अप्रैल के बीच खूब बैंड बजा।

गुरु व शुक्र में एक के अस्त होने पर आपात स्थिति में विवाह हो सकता है। शास्त्रों के विधान के अनुसार दोनों ग्रह के अस्त होने पर मांगलिक कार्य वर्जित बताए गए हैं। छह मई से दो जून के मध्य गुरु-शुक्र दोनों अस्त रहेंगे।

-बसंत बल्लभ पांडेय, ज्योतिषाचार्य, चंपावत


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