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Lok Sabha Election 2024: फेरे के फेर में 34 कार्मिकों की छुट्टी, 200 से अधिक आवेदन लंबित

Lok Sabha Election 2024 परिवार-रिश्तेदारी में विवाह होने से चुनाव कार्मिक मतदान ड्यूटी से मुक्ति चाह रहे हैं। 200 से अधिक आवेदन लंबित हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी के यहां पहुंचे एक प्रार्थनापत्र में कार्मिक ने कहा है 21 अप्रैल को उसे कन्यादान करना है। उलझन भरे ऐसे 34 आवेदन को डीएम ने स्वीकृति प्रदान की है। चुनाव के बीच विवाह होने से वाहनों के लिए मारामारी है।

By ganesh pandey Edited By: Nirmala Bohra Published: Thu, 11 Apr 2024 07:15 AM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2024 07:15 AM (IST)
Lok Sabha Election 2024: कन्यादान के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी से मांगी छुट्टी

गणेश पांडे, चंपावत : Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल को होना है। यह वह समय होगा जब विवाह लग्न की भरमार है। 13 अप्रैल को वैशाख मास का आरंभ होते ही सहालग शुरू हो जाएंगे। 25 अप्रैल को शुक्र ग्रह अस्त होने से इस ग्रीष्मकाल में फेरे नहीं हो सकेंगे। ऐसे में अप्रैल तीसरे सप्ताह खूब शहनाई गूंजनी है।

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परिवार-रिश्तेदारी में विवाह होने से चुनाव कार्मिक मतदान ड्यूटी से मुक्ति चाह रहे हैं। मतदान तिथि से एक दिन आगे-पीछे के मामलों में चंपावत जिले में 34 कार्मिकों के अवकाश स्वीकृत हुए हैं। 200 से अधिक आवेदन लंबित हैं।  जिला निर्वाचन अधिकारी के यहां पहुंचे एक प्रार्थनापत्र में कार्मिक ने कहा है, 21 अप्रैल को उसे कन्यादान करना है।

दूल्हे की छुट्टी की वजह से इसी बीच शादी करनी है। विवाह की तैयारी भी करनी है। ऐसे में चुनाव ड्यूटी से मुक्ति का आग्रह किया है। हालांकि प्रार्थनापत्र स्वीकार हो गया है। उलझन भरे ऐसे 34 आवेदन को डीएम ने स्वीकृति प्रदान की है। 21 से 24 अप्रैल के बीच बिरादरी, रिश्तेदारी में शादी-जनेऊ वाले आवेदनकर्ताओं को साथ तौर पर कह दिया है कि इस समय मतदान ही सबसे बड़ा लग्न है।

ऐसे कार्मिक चुनावी ड्यूटी के बाद सहालग में शामिल हो पाएंगे। इस वर्ष शीतकाल में 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक खरमास पौष होने से मांगलिक कार्य नहीं हुए। आधी जनवरी, फरवरी के बाद मार्च पहले सप्ताह के बीच विवाह हुए। चैत्र भी खरमास होने से इस समय मांगलिक कार्य नहीं हो रहे। 13 अप्रैल को खरमास समाप्त हो रहा है।

पंडित रामदत्त ज्योतिर्विद पंचांग के अनुसार 25 अप्रैल की शाम 8.40 बजे शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है। छह जुलाई की सुबह 5.21 बजे शुक्र उदय होगा। शुक्रास्त की वजह से इस अवधि में मांगलिक कार्य नहीं होंगे। ऐसे में 16 से 24 अप्रैल के बीच कई शादी होनी हैं। हालांकि पंचांग में 18 अप्रैल को ही बड़ा लग्न दर्शाया है। जुलाई में नौ व 11 को लग्न हैं। 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास में मांगलिक कार्य फिर वर्जित रहेंगे। 12 नवंबर हरिबोधनी एकादशी के बाद फिर विवाह आदि कार्य होंगे।

वाहनों व अनुमति के लिए खा रहे धक्के

चुनाव के बीच विवाह होने से वाहनों के लिए मारामारी है। आयोग ने वाहन अनुबंधित कर लिए हैं। ऐसे में वाहन नहीं मिल रहे। मिल भी रहे तो किराया मनमाना है। दूसरी ओर आचार संहिता में विवाह करने के लिए प्रशासन से अनुमति की बात सामने आ रही। जिस कारण दोहरी दुविधा है। हालांकि इस पर डीएम का कहना है कि संबंधित एआरओ ही इसके लिए अधीकृत हैं।

इसलिए नहीं होती शादी

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र सुख, वैवाहिक जीवन, विलासता, ऐश्वर्य, धन आदि का कारक ग्रह माने गए हैं। शुक्रास्त में शादी, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य में शुभ फल नहीं मिलता। इसी कारण सनातनी परंपरा में शादी से पहले शुक्र की स्थिति की गणना की जाती है।

कब-क्यों अस्त होता है शुक्र

सूर्य व शुक्र की 18 माह में दो बार युति (एक साथ आना) होती है। सूर्य अपने तेज से शुक्र को ओझल कर देता है। जिसे शुक्र अस्त कहा जाता है। ग्रह के अस्त होने से उसका सकारात्मक प्रभाव समाप्त होने लगता है।

छुट्टी को 200 से अधिक आवेदन आए हैं। बहुत जरूरी होने पर 18 से 20 अप्रैल के बीच के कामों के लिए कार्मिकों को छुट्टी दी जा रही। हमें उम्मीद है शहरों में रहने वालों के विवाह के लिए गांव आने से मतदान प्रतिशत बढ़ेगा। - नवनीत पांडे, जिला निर्वाचन अधिकारी, चंपावत


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