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गंगोत्री से निकलते ही दम तोड़ रही है गंगा: शंकराचार्य

शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरुपानंद सरस्‍वती का कहना है कि गंगोत्री से निकलते ही गंगा दम तोड़ रही है। इसे बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

By gaurav kalaEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 04:28 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 04:32 PM (IST)

हरिद्वार, [जेएनएन]: ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि आज पर्यावरण की रक्षा करना आवश्यक हो गया है। क्योंकि पहले गंगोत्री में निर्मल व अविरल गंगा बहती है। लेकिन अब गंगा गंगोत्री से निकलते ही दम तोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि नदियों पर बनाए जा रहे बांध के कारण गंगा का अस्तित्व खत्म हो रहा है। देश में जहां गौ हत्या बंद होनी चाहिए थी, वहीं हम अपने ही देश से और देशों को गौ मांस भेज रहे हैं।

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गौहत्या रोकने में असफल हिंदू नेता नहीं
शंकराचार्य ने आगे कहा कि जो व्यक्ति राजनीति मात्र के लिए गौ हत्या बंद नहीं करा सकता वह हिंदु नेता नहीं हो सकता। गाय सभी के लिए समान है, क्योंकि जब किसी भी धर्म के बच्चे की मां बचपन में ही मर जाती है तो उसे गाय का दूध पिलाकर ही पाला जाता है।

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उन्होंने कहा कि समवर्ती सूची में गाय के मामले को लेकर इस पर प्रतिबंध लगाया जाए।

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