चाहे जेल जाना पड़े, साईं को भगवान नहीं मानूंगा: शंकराचार्य
ज्योतिष एवं द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि वह साईं बाबा को कभी भगवान नहीं मान सकते, क्योंकि वह भगवान हैं ही नहीं।
हरिद्वार, [जेएनएन]: ज्योतिष एवं द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि वह साईं बाबा को कभी भगवान नहीं मान सकते, क्योंकि वह भगवान हैं ही नहीं। शंकराचार्य ने कहा कि दुर्भावनावश उनके खिलाफ शिरडी की अदालत में मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि वह अदालत के नोटिस का जवाब नहीं देंगे। भले ही अदालत उन्हें जेल भेज दे। शंकराचार्य ने यह भी कहा कि देश में सभी जातियां एक समान हैं और वह किसी भी जाति को दलित नहीं मानते। राजनीतिकरण के चलते लोगों को दलित बना दिया गया। उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी दलित मानने से साफ इन्कार किया।
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आज कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में शंकराचार्य ने कहा कि देश में दलित की कोई परिभाषा नहीं है। यह शब्द राज्य व क्षेत्र के आधार पर बदल जाता है। एक राज्य में कोई सवर्ण जाति का होता है तो दूसरे में उसे दलित की संज्ञा दे दी जाती है। कहा कि भारत में 'सर्वधर्म समभाव' का वातावरण है, इसलिए यहां जातियों के नाम पर मतभेद नहीं होना चाहिए। लोकहित में क्या है, हमें यह देखना चाहिए। असल में लोग राजनीति के चलते जातियों में भेदभाव करते हैं। उन्होंने देशवासियों का बाबा साहेब को दलित की श्रेणी न रखने का आह्वान भी किया।
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हरिद्वार में तमिल कवि संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा स्थापित किए जाने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि पहले लोगों को तमिल कवि के इतिहास से परिचित कराया जाना चाहिए था। जब उनका उत्तराखंड से कोई संबंध ही नहीं है तो फिर क्यों उनकी प्रतिमा को स्थापित कर इस शांतिमय प्रदेश में अशांति फैलाने का का प्रयास किया जा रहा है।
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